कृषि बिल के खिलाफ बुधवार से व्यवसायी अनिश्चतकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल के पहले दिन लगभग 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा. बाजार समिति की खाद्यान्न मंडी में सन्नाटा पसरा रहा. गोमो, तोपचांची, कतरास, राजगंज, झरिया, गोविंदपुर आदि बाजार में भी बंद का असर दिखा. जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने बंद को सफल बताते हुए 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि जब तक कृषि बिल वापस नहीं होता है. न तो आवक होगी और न ही बाजार समिति से कुछ भेजा जोयगा.
इधर कृषि शुल्क के खिलाफ खाद्यान्न के अलावा फल, सब्जी, आलू-प्याज, राइस व फ्लावर मिल ने बंद की घोषणा की थी. लेकिन कृषि बाजार समिति में फल मंडी गुलजार रही. फल की लोडिंग व बिक्री भी की गयी. फल के होलसेल कारोबारी रिंकू सिंह ने कहा : 12 फरवरी से नया ऑर्डर नहीं दिया जा रहा है. लेकिन, जो ऑर्डर पहले का है, वह माल आ रहा है. कश्मीर से माल आने में सात से आठ दिन लग जाते हैं. लिहाजा जो माल चल चुका है, उसे अनलोड किया जायेगा. एक-दो दिनों में फल मंडी भी पूरी तरह बंद कर दी जायेगी.
कृषि बिल के विरोध में बुधवार को पुराना बाजार के सब्जी के थोक कारोबारियों की बैठक हुई. अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष अशोक साव ने की. उन्होंने कहा कि सर्व सम्मति से कृषि बिल के विरोध में 18 से अनिश्चिकालीन बंदी का निर्णय लिया गया है. बैठक में अनिल साव, टिंकू, गट्टू, ओम प्रकाश गुप्ता, अजय कुमार, अरविंद कुमार, मनोज साव, प्रमोद सोनकर, अशोक भारती, शंकर साव, बब्लू, मुकेश कुमार साव, सुनील भगत, रतन लाल साव, नटवर यादव, छोटू आदि थे.
अनिश्चितकालीन बंदी के अलावा गुरुवार को खाद्यान्न व्यवसायी कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह से मिलेंगे. कृषि मंत्री से कृषि बिल वापस लेने के लिए दूरभाष पर बात करने का आग्रह करेंगे. इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन से भी बात करने का आग्रह करेंगे.
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जिला खाद्यान्न व्यवसायी संघ के महासचिव विकास कंधवे ने कहा कि बिहार-बंगाल में बाजार शुल्क नहीं है. फिर झारखंड में क्यों जबरन थोपा जा रहा है. कृषि मंत्री का बयान है कि कृषि बिल लागू नहीं होगा, तो केंद्र सरकार मदद नहीं करेगी. क्या बिहार-बंगाल में केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है.
बाजार समिति चेंबर के जितेंद्र अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक टैक्स की पॉलिसी का प्रचार किया है. झारखंड की सरकार अपने निजी स्वार्थ के लिए इस तरह का काला कानून व्यापारियों पर थोपना चाहती है. काला कानून से अफसरशाही बढ़ेगी.
बाजार समिति में व्यवसायियों ने प्रदर्शन भी किया. मौके पर अध्यक्ष विनोद गुप्ता, विकास कंधवे, जितेंद्र अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, दीपक कटेसरिया, सुरेंद्र जिंदल, गौरव गर्ग, विक्की सवाड़िया, रिंकू बंसल, अमित अग्रवाल, झरिया के चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमित साहू और अन्य व्यापारियों में प्रेम प्रकाश जालान, कन्हैया कटेसरिया, दुर्गा बाबू सुनील अग्रवाल, शंभू अग्रवाल ओम प्रकाश जालान, संजय अग्रवाल, सुभाष जालूका, बबलू वर्णवाल , अरुण भिवानी वाला, विनोद नेता ,आशीष अग्रवाल मनीष अग्रवाल, अमित जालान, अमित भूतगड़िया, विकास अग्रवाल, संदीप भिवानीवाला ,दीपक अग्रवाल, रूपेश करीवाला ,राजीव सांवतिया, संजय अग्रवाल, प्रदीप सांवरिया अमित गोयल चिकी अग्रवाल आदि व्यवसायी थे.
बेमियादी हड़ताल का करकेंद गल्ला पट्टी व पुटकी बाजार में व्यापक असर दिखा. पुटकी बाजार के व्यवसायी केदार वर्णवाल, मुकेश वर्णवाल, श्यामलाल महतो, संजय वर्णवाल, सरोज कुमार आदि ने कृषि बिल का विरोध किया. दूसरी ओर गोविंदपुर में खाद्यान्न, फल व सब्जी दुकानें बंद रही. इससे आमजन परेशान रहे. चेंबर ऑफ कॉमर्स गोविंदपुर के अध्यक्ष राजेश दुदानी व सचिव संजय साव, ललित केजरीवाल, शंभु प्रसाद भगत, हरिओम बंसल, रितेश अग्रवाल, महावीर बजाज, शेरू मित्तल, चिकू अग्रवाल, सूरज साव, संदीप शर्मा, मजीद अंसारी, मनीष चौरसिया, शिवम बजाज, कुणाल केजरीवाल आदि ने बंद की अगुआई की.