Holi 2023: ओड़िशा में किस नाम से मनाई जाती है होली, जानिए कैसे है यह और सब जगह से खास

ओड़िशा की होली भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अलग होती है. यहां डोल पूर्णिमा के नाम से होली मनाई जाती है. वहीं इस दिन यहां भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2023 10:39 AM

Holi in Odisha 2023: पूरे देश में होली की धूम अभी से मचनी शुरू हो गई है. भारत में इस बार होली का त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा. हालांकि होली को देखते हुए अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. देश के अलग-अलग राज्यों में इस खास त्योहार को अलग-अलग नामों और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. ओड़िशा में भी इस त्योहार को बेहद खास ढंग से मनाया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे की होली को ओड़िशा में किस नाम से मनाया जाता है और यह देश के अन्य राज्यों से कैसे अलग और खास होता है.

डोल पूर्णिमा के नाम से ओड़िशा में मनाई जाती है होली

ओड़िशा में होली को ‘डोल पूर्णिमा’ के नाम से जाना जाता है. यहां की होली और जगह से बेहद अलग, मनमोहक और खास होती है. इसका कारण भगवान जगन्नाथ हैं. दरअसल, इस दिन भगवान जगन्नाथ को झूले पर सवार कर उनकी पालकी पर यात्रा निकाली जाती है. भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के साथ शहर की मुख्य सड़कों के चारों ओर एक जुलूस में निकाला जाता है. भक्त बारी-बारी से इसे झुलाते हैं जबकि महिलाएं इसके चारों ओर नृत्य करती हैं और भक्ति गीत गाती हैं. वहीं इस जुलूस में पुरुष रंग और अबीर से पूरे माहौल को सराबोर कर देते हैं.

ग्वालों के कंधों पर भी सैर करते हैं भगवान

भगवान की इस जुलूस में शाम के समय ‘ग्वाले’ पालकी को अपने कंधों पर ले जाते हैं, भगवान कृष्ण भी ग्वाले ही थे ऐसे में यह काफी खास होता है. इस अवसर को और यादगार बनाने के लिए दांडी खेला जैसे खेल भी खेले जाते हैं. रात में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को रखने के लिए ‘झूलन मंडप’ नामक एक विशेष तम्बू बनाया जाता है. अगली सुबह भगवान की मूर्ति पर अबीर लगाया जाता है. इसके बाद, लोग इस अवसर के विशेष व्यंजनों जैसे पेठा, मुरमुरे और तिल से बने लड्डू का आनंद लेते हैं और रंगों से खेलते हैं. वहीं रंगों से खेलने के बाद शाम के वक्त मूर्तियों को एक तालाब में डुबकी दी जाती है और वापस मंदिर ले जाया जाता है. ओड़िशा के होली का यह अंदाज भारत के अन्य राज्यों से बिल्कुल जुदा है. ऐसे में यहां की होली देखना और इसका आनंद उठाना बेहद खास होता है.

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