कोलकाता : पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न से बचने के लिए भारत आये शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला नागरिकता संशोधन कानून (CAA) जनवरी, 2021 से लागू हो सकता है. ये बातें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहीं हैं.
पश्चिम बंगाल में संभावित विधासनभा चुनाव 2021 से पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर वरिष्ठ भाजपा नेता के इस बयान पर तृणमूल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है.
दरअसल, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय शनिवार को उत्तर 24 परगना जिला के बारासात में थे. यहां राज्य सरकार के विरुद्ध आयोजित ‘आर नॉय अन्याय’ (और अन्याय नहीं) अभियान के दौरान कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) अगले साल जनवरी से लागू हो सकता है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार शरणार्थियों के प्रति हमदर्दी नहीं रखती.
श्री विजयवर्गीय ने कहा था, ‘हमें उम्मीद है कि सीएए के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू हो जायेगी.’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने सीएए को ईमानदार नीयत से पड़ोसी देशों से हमारे देश आये उत्पीड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए पारित किया था.’
बारासात (पश्चिम बंगाल) के पूर्बो मंडल से आज #AarNoiAnnay अभियान शुरू किया गया। गृहसंपर्क के साथ लोगों से सीधे बातचीत की गई और उन्हें #BJP की नीतियों से अवगत कराया गया।@JPNadda @DilipGhoshBJP @blsanthosh @Amitava_BJP pic.twitter.com/a3GjGpqh2K
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 5, 2020
श्री विजयवर्गीय की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है. सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ गये हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.
Posted By : Mithilesh Jha