कसरवाल कांड में गोरखपुर की अदालत में पेश हुए कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, मिली अगली तारीख
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद सोमवार को गोरखपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए, लेकिन सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से कोर्ट ने 5 अप्रैल की तारीख लगाई है.
Gorakhpur : उत्तर प्रदेश में गोरखपुर निषाद आरक्षण को लेकर 7 जून 2015 को हुए कसरवल कांड में आरोपी यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद सोमवार को गोरखपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए, लेकिन सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से कोर्ट ने 5 अप्रैल की तारीख लगाई है. इस दौरान संजय निषाद ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया है. उन्हें न्यायालय पर पूरा विश्वास है. सोमवार को कसरवल कांड मामले में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद गोरखपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में पहुंचे. संजय निषाद यहां स्पेशल जज पास्को तीन एमपी/एमएलए नम्रता अग्रवाल की कोर्ट में पेश हुए, लेकिन इस मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि कोर्ट में अधिवक्ताओं की हड़ताल थी. जिसके बाद कोर्ट ने अब इस मामले में बहस के लिए अगली तारीख 5 अप्रैल की दी है.
संजय निषाद ने कहा कोर्ट पर है पूरा भरोसा
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वे लोग राजनीति जनता की सेवा के लिए करते हैं. वे बाबा साहब अंबेडकर के संविधान पर पूरा विश्वास करते हैं. पूर्व की सरकार ने उनके ऊपर किसी तरह से फर्जी मुकदमें लगाए. उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा पिछली सरकार में उन्हें प्रताड़ित किया गया, बेकसूर निषाद जाति को लोगों को पीटा गया, जिसमें 37 लोगों पर फर्जी मुकदमें में फंसाया गया है. न्यायपालिका पर उन्हें पूरा विश्वास है. उन्हें जरूर न्याय मिलेगा. क्योंकि वे गरीबों, शोषितों और निचले तबके के समाज लोगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. कसरवल कांड में 12 अक्टूबर 2022 को यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री एमएलसी डा. संजय निषाद पर राज्य बनाम डा. संजय निषाद के मामले में हत्या समेत अन्य धाराओं में आरोप तय हो चुका है.
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यहां जानें क्या है पूरा मामला
यह मामला 7 जून 2015 का है जब गोरखपुर के सहजनवां थानाक्षेत्र के कसरवल में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) की ओर से डा. संजय निषाद के नेतृत्व में निषाद आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन हुआ था. इस आंदोलन में इटावा के 21 वर्षीय अखिलेश कुमार निषाद की गोली लगने से मौत हो गई थी. वहीं सुजीत कुमार गोली लगने से घायल हो गया था. इस मामले में पुलिस ने डा. संजय निषाद समेत 37 अन्य लोगों को दो केस में आरोपी बनाया था. इसके अलावा आरपीएफ की ओर से भी आवागमन बाधित करने का केस दर्ज किया था.