कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने दाखिल किया नामांकन, 2017 में महाराजपुर विधानसभा से जीत की थी हासिल
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी उम्मीदवार अपना-अपना नामाकंन दाखिल करवा रहे हैं. ऐसे में आज महाराजपुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और वर्तमान में योगी कैबिनेट में मंत्री सतीश महाना ने नामांकन दाखिल किया है.
उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी उम्मीदवार अपना-अपना नामाकंन दाखिल करवा रहे हैं. ऐसे में आज महाराजपुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी और वर्तमान में योगी कैबिनेट में मंत्री सतीश महाना ने कानपुर कलेक्ट्रेट परिसर में एसीएम 5 की कोर्ट में नामांकन दाखिल किया है.
आपको बता दें कि सतीश महाना महाराजपुर विधानसभा से विधायक है और वर्तमान में योगी सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री भी है. सतीश महाना साल 2012 और 2017 में चुनाव महाराजपुर सीट से लड़े थे और जीत भी दर्ज की थी. वहीं बसपा ने महाराजपुर से सूर्य पाल सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने कनिष्क पांडेय को उम्मीदवार बनाया है. वहीं सपा ने इस सीट से अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.
महाराजपुर विधानसभा सीट का गठन साल 2012 के नए परिसीमन के बाद हुआ था. इससे पहले यह विधानसभा सीट सरसौल के नाम से जानी जाती थी. सीट के गठन के बाद से भाजपा के सतीश महाना ने पिछले दोनों चुनावों में जीत दर्ज की है. यह ऐसी सीट है, जहां पिछली बार साल 2017 के चुनावों में सपा के प्रत्याशी की जमानत भी जब्त हुई थी. यहां टिकट के लिए सपा में कलह शुरू हुई, जो आज भी जारी है.
नए परिसीमन के पहले यह सीट सरसौल के नाम से जानी जाती थी. परिसीमन से पहले सरसौल में भाजपा जीत के लिए तमाम कोशिशें करती रही और उसे सफलता नहीं मिली. साल 1991 की राम लहर में भी भाजपा का इस सीट पर खाता नहीं खुल सका था. 1991 में सीट पर जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. 1993 में सपा के जगराम सिंह ने यहां जीत दर्ज कर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन 1996 में यह सीट बसपा ने जीती. 2002 में सपा की अरुणा तोमर ने बसपा के उम्मीदवार को हराया और वह 2007 में भी विधायक बनीं. दो बार की विधायक अरुणा तोमर का परिसीमन के बाद गणित बिगड़ गया. जिसके चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर