कलकत्ता हाइकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सलाह दी कि वह सिविक वॉलेंटियर्स की नियुक्ति के बजाय पुलिस बलों के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करे. क्याेंकि, पुलिस बल में पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों के नहीं होने के कारण कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है. एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने कहा कि राज्य में मुख्य समस्या यह है कि प्रदेश सरकार पुलिस बल में नियमित कर्मियों की नियुक्ति नहीं कर रही है. इसकी वजह से सिविक वॉलेंटियर्स नियमित पुलिस कर्मियों की भूमिका निभा रहे हैं.
नियमित पुलिस कर्मियों उप-निरीक्षकों, सहायक उप-निरीक्षकों और कांस्टेबलों के रैंक की भर्ती का कोई विकल्प नहीं है. इस सिलसिले में न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने पिछले साल छात्र नेता अनीस खान की रहस्यमयी मौत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से अनीस खान की मृत्यु की रात, दो नागरिक स्वयंसेवक (सिविक वॉलेंटियर्स) उनके आवास पर गये. गौरतलब है कि पिछले साल 19 फरवरी को अनीस खान हावड़ा जिले के आमता में अपने आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाये गये थे. एसआइटी के सदस्यों ने इस सिलसिले में एक होमगार्ड और सिविक वालंटियर को भी गिरफ्तार किया है.
गौरतलब है कि दक्षिण कोलकाता में स्थित सरसुना थाना क्षेत्र में एक युवक को घर से पुलिस उठा कर ले गयी थी. पुलिस के साथ सिविक वॉलेंटियर्स भी साथ में थे. आरोप है कि उस दिन के बाद से युवक का अब तक पता नहीं चला है. इसे लेकर पीड़ित परिवार ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. उनका आरोप है कि अपने बेटे के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वह कई थाने में गये, लेकिन पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया. गुरुवार को इसी मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने यह टिप्पणी की.
गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर बंगाल पुलिस निदेशालय ने पुलिस से संबंधित गतिविधियों में नागरिक स्वयंसेवकों की भूमिका को परिभाषित किया और दिशानिर्देश जारी किये. शनिवार को निदेशालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत, नागरिक स्वयंसेवक दुर्गा पूजा, क्रिसमस और नये साल की पूर्व संध्या जैसे विशेष त्योहारों के अवसर पर यातायात प्रबंधन और अन्य संबंधित कर्तव्यों में पुलिस कर्मियों की सहायता करेंगे. अदालत का निर्देश नागरिक स्वयंसेवकों के एक वर्ग द्वारा ज्यादती की लगातार शिकायतों के बाद आया.
कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस में 2012 में नागरिक स्वयंसेवकों का पद सृजित किया गया था. मुख्यमंत्री कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में राज्य में 1,19,916 नागरिक स्वयंसेवक हैं.