Calcutta High Court : एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती प्रभावशाली मरीजों के बारे में हाइकोर्ट ने मांगी जानकारी
केंद्रीय एजेंसी की हिरासत के अंत में, आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने एसएसकेएम के अधिकारियों को एक महीने के अंदर हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया.
पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SSKM Medical College and Hospital) में विभिन्न मामलों में गिरफ्तार प्रभावशाली नेताओं का इलाज चल रहा है. इसे लेकर हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधिकारियों से वहां भर्ती प्रभावशाली मरीजों की चिकित्सा स्थिति का विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता रमा प्रसाद सरकार और सुष्मिता साहा दत्त ने कहा कि किसी भी भ्रष्टाचार के मामले में अगर किसी प्रभावशाली नेता को गिरफ्तार किया जाता है, तो उनके सीने में दर्द होने लगता है और सीधे एसएसकेएम अस्पताल ले जाया जाता है. यहां बिना किसी सवाल के उन्हें भर्ती कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी की हिरासत के अंत में, आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने एसएसकेएम के अधिकारियों को एक महीने के अंदर हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया.
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हाइकोर्ट ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को अपने हलफनामे में वहां भर्ती प्रभावशाली और हाइ-प्रोफाइल मरीजों के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी, जिसमें उनकी वर्तमान चिकित्सा स्थिति, वे किस बीमारी का इलाज करा रहे हैं और उनकी इलाज प्रक्रिया को पूरा करने में कितना समय लगेगा सहित उनके इलाज से संबंधित जानकारियां शामिल हो. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि एसएसकेएम में भर्ती ये प्रभावशाली मरीज बिना किसी जीवन-रक्षक प्रणाली के अस्पताल में घूम रहे हैं. वे वहां सामान्य जीवन जी रहे हैं. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर पेश किये गये आरोप सही हैं, तो मामला वाकई गंभीर है. उन्होंने इसे लेकर अब अस्पताल से जवाब मांगा है.