Diwali से Happy New Year तक बंगाल में नहीं चलेंगे पटाखे, कलकत्ता हाईकोर्ट ने लगाया बैन

आदेश ने पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक हालिया अधिसूचना को निष्प्रभावी कर दिया है, जिसमें दिवाली और काली पूजा पर सीमित समय के लिए ‘हरित’ पटाखे चलाने की अनुमति दी गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2021 5:51 PM

कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट ने वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिवाली, छठ पूजा समेत अन्य त्योहारों पर पटाखों की बिक्री और उनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस अनिरुद्ध राय की खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि प्रतिबंध का उल्लंघन करते कोई व्यक्ति पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाये और पटाखे जब्त कर लिये जायें.

इस आदेश ने पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक हालिया अधिसूचना को निष्प्रभावी कर दिया है, जिसमें दिवाली और काली पूजा पर सीमित समय के लिए ‘हरित’ पटाखे चलाने की अनुमति दी गयी थी. उच्च न्यायालय की पीठ ने आतिशबाजी पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर यह आदेश सुनाया. बता दें कि अदालत ने वर्ष 2020 में भी पटाखों पर पाबंदी लगायी थी.

उल्लेखनीय है कि हाइकोर्ट के इस फैसले से दिवाली, काली पूजा, छठ पूजा, जगधात्री पूजा जैसे त्योहारों से लेकर क्रिसमस व नये साल के जश्न तक राज्य में आतिशबाजी नहीं होगी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है. यह रोक दिवाली, काली पूजा, छठ पूजा, क्रिसमस और नये साल तक जारी रहेगी. कोर्ट ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए यह रोक लगायी है.

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इससे पहले राज्य सरकार ने दिवाली, काली पूजा और छठ पर दो घंटे के लिए आतिशबाजी की छूट दी थी. वहीं, क्रिसमस और नये साल पर 35 मिनट तक पटाखे फोड़ने की इजाजत दी गयी थी. राज्य सरकार की ओर से सिर्फ ग्रीन पटाखे फोड़ने की शर्त भी रखी गयी थी. राज्य सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी, जिसमें पटाखों पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी.

हाल ही में कोलकाता के प्रमुख डॉक्टरों, पर्यावरण एक्सपर्ट, मेडिकल एसोसिएशनों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाया जाय. पश्चिम बंगाल में त्योहारों पर ढील के खिलाफ कोर्ट में अर्जी ऐसे समय में दाखिल की गयी, जब कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है.

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बता दें कि केंद्र सरकार ने भी पश्चिम बंगाल में कोरोना के केसों को लेकर चेतावनी दी है. राज्य में डॉक्टरों के एक एसोसिएशन के महासचिव मानस गुमटा ने कहा, ‘दुर्गा पूजा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. कोलकाता और पूरे प्रदेश में कोरोना के केसों में फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है.

बंगाल में पटाखा कारोबार से जुड़े हैं चार लाख लोग

पश्चिम बंग आतिशबाजी उन्नयन समिति के अध्यक्ष बाबला राय ने कहा कि हाइकोर्ट के इस फैसले से पटाखा कारोबार से जुड़े लोगों को काफी नुकसान होगा. राज्य में पटाखों के विनिर्माण और बिक्री पर रोक लगने से चार लाख लोगों की आजीविका दांव पर लग गयी है. श्री राय ने दावा किया कि उन चार लाख लोगों में से दो लाख लोग तो सिर्फ दक्षिण 24 परगना के चंपाहाटी और नुंगी जैसे क्षेत्रों में रहते हैं.

उन्होंने कहा कि यदि पटाखों पर पूरी तरह से रोक लग जायेगी, तो बाजार में अवैध पटाखों की भरमार होने की आशंका बढ़ जायेगी. दक्षिण 24 परगना के अलावा उत्तर 24 परगना, हावड़ा व हुगली जिलों में हजारों लोग इस कारोबार से जुड़े हैं. पिछले वर्ष भी कोरोना की वजह से हाइकोर्ट ने पटाखों के प्रयोग व बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिससे लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इस बार भी पटाखा बनाने वालों व इसे बेचने वाले कारोबारियों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ेगा.

Posted By: Mithilesh Jha

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