कलकत्ता हाइकोर्ट ने पांच जनवरी को संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां के परिसर की तलाशी के लिए गये प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) और पश्चिम बंगाल पुलिस का संयुक्त विशेष जांच दल गठित करने का बुधवार को आदेश दिया. बुधवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले की तीन चरणों में सुनवाई हुई. बुधवार शाम चार बजे शुरू हुई सुनवाई के अंतिम चरण में न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने घटना की जांच के लिए एसआइटी गठन करने का आदेश दिया. हालांकि, इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ के अधिवक्ता ने बताया कि सीबीआइ अधिकारी मामले की जांच के लिए तैयार हैं.
कलकत्ता हाइकोर्ट में साथ ही उन्होंने कहा था कि घटना की जांच के लिए एसआइटी का गठन ना किया जाए, तो बेहतर है, क्योंकि इससे पहले जिन मामलों में अदालत ने एसआइटी का गठन किया है, उनमें से अधिकांश में राज्य पुलिस ने सहयोग नहीं किया है, इसलिए सीबीआइ मामले की अकेले जांच करने के लिए तैयार है. हालांकि, न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने सीबीआइ के आवेदन को अस्वीकार करते हुए घटना की जांच के लिए एसआइटी का गठन करने का निर्देश दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट इस जांच की निगरानी करेगा और जांच दल इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 फरवरी को जांच पर प्रगति रिपोर्ट पेश करेगा.
हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआइ के पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी और इस्लामपुर पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक जसप्रीत सिंह संयुक्त रूप से इस एसआइटी की अगुवाई करेंगे तथा सीबीआइ इस जांच दल के लिए पुलिस अधीक्षक रैंक के अपने अधिकारी का नाम गुरुवार तक दे देगी. इडी अधिकारी पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाला मामले में धन के लेन देन की जांच के सिलसिले में उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में शेख शाहजहां के घर तलाशी के लिए पहुंचे थे, उसी दौरान उन पर भीड़ ने हमला किया था. लेकिन घटना के 12 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक शेख शाहजहां का कोई पता नहीं चल पाया है. पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी है.