हाईकोर्ट ने टेट उम्मीदवारों की याचिका को किया खारिज,नहीं दी गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठने की अनुमति

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में टेट उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें गांधीमूर्ति के नीचे धरना पर बैठने की इजाजत दी जाएं.हालांकि हाईकोर्ट ने टेट उम्मीदवारों की इस याचिका को खारिज कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2022 2:03 PM

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में टेट उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें गांधीमूर्ति के नीचे धरना पर बैठने की इजाजत दी जाएं.हालांकि हाईकोर्ट ने टेट उम्मीदवारों की इस याचिका को खारिज कर दिया है और उन्हें धरना कार्यक्रम को समाप्त करने का निर्देश दिया है.गौरतलब है कि वर्ष 2014 टेट की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने पिछले महीने पुलिस से गांधी प्रतिमा के नीचे धरना पर बैठने की अनुमति मांगी थी .उस वक्त पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब उन्हें वहां से भी निराशा मिली है.

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16 सितंबर को 5 दिनों के लिये धरना पर बैठने  की  मिली थी अनुमति

टेट उम्मीदवारों को पिछले 16 सितंबर को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने 5 दिनों के लिये धरना पर बैठने की अनुमति दी थी.जिसकी समय सीमा 21 सितंबर को समाप्त हो गई थी.टेट उम्मीदवारों ने फिर से धरना देने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था . इस संदर्भ में गुरुवार को न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य ने सवाल उठाया कि नौकरी तलाशने वाले पांच दिन धरने पर क्यों बैठे ? हाईकोर्ट ने टेट उम्मीदवारों के दोबारा धरने पर बैठने की याचिका को खारिज कर दिया है.

टेट की परीक्षा होगी हर वर्ष

प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल ने बड़ी घोषणा की है जिसके अनुसार हर वर्ष नियमानुसार टेट की परीक्षा ली जाएगी. अभ्यार्थियों को आने वाले समय में नौकरी के अवसर प्रदान किये जाएंगे और आने वाले समय में उन्हें किसी से कोई शिकायत का मौका नहीं मिलेगा.

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2014 की ओएमआरशीट की जांच का आदेश

प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में कई बार आरोप लगते रहे हैं कि 2014 की टेट की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट या उत्तर पुस्तिका को नष्ट कर दिया गया था. कुल मिलाकर हाईकोर्ट को 12 लाख से अधिक ओएमआर शीट नष्ट करने की शिकायतें मिली हैं.इस संदर्भ में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. क्या 2014 की टीईटी ओएमआर शीट कानून के अनुसार नष्ट कर दी गई थी? इसे कैसे नष्ट किया जाता है? सीबीआई इन सभी सवालों के जवाब ढूंढेगी. उन्हें एक महीने के भीतर जांच कर रिपोर्ट देनी होगी.

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