कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुबीरेश की जमानत अर्जी की खारिज, कहा : यह पोस्ट मास्टर का जॉब नहीं

पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसएससी के पूर्व चेयरमैन सुबीरेश भट्टाचार्य की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए कहा कि संगठन के प्रतिनिधि के रूप में आपकी जिम्मेदारी है. यह पोस्ट मास्टर जॉब नहीं है.

By Shinki Singh | December 21, 2022 1:45 PM
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पश्चिम बंगाल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसएससी के पूर्व चेयरमैन सुबीरेश भट्टाचार्य की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस संबंध में कहा कि जब मामला शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का है तो संगठन के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति इतनी आसानी से जिम्मेदारी से नहीं बच सकता. इस संबंध में न्यायाधीश ने टिप्पणी की है, यह पोस्टमास्टर का काम नहीं है याद रहे कि यहां शिक्षकों की भर्ती की जा रही है. अगर वहां भी भ्रष्टाचार है तो यह समाज के साथ विश्वासघात है.

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सुबीरेश के वकील का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है

सुबीरेश की जमानत याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुबीरेश के वकील ने अदालत से कहा, जब उनके मुवक्किल एसएससी अध्यक्ष थे तब कोई भर्ती भ्रष्टाचार नहीं था. अध्यक्ष बनने के बाद वह एक विश्वविद्यालय के कुलपति थे. 21 अक्टूबर की चार्जशीट के मुताबिक, मेरे मुवक्किल के खिलाफ आरोप है कि प्रोग्रामिंग ऑफिसर ने उनके मौखिक निर्देश पर उत्तर पुस्तिका (ओएमआर शीट) बदल दी. कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को उच्च अंक दिए जाते हैं. एसएससी की वेबसाइट पर भी नंबर बदल दिया गया है. लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया के लिए तैयार की गई कमेटी के मुखिया शांतिप्रसाद सिन्हा थे. मेरे मुवक्किल को पहले गवाह के तौर पर बुलाया गया था. बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

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न्यायाधीश ने कहा यह पोस्ट मास्टर का जॉब नहीं

न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए कहा कि संगठन के प्रतिनिधि के रूप में आपकी जिम्मेदारी है. यह पोस्ट मास्टर जॉब नहीं है. याद रहे कि यहां शिक्षकों की भर्ती की जा रही है. समाज का सदस्य होने के नाते क्या कोई उम्मीद नहीं कर सकता कि कम से कम शिक्षकों की भर्ती पारदर्शी तरीके से होगी ? अगर वहां भ्रष्टाचार का आरोप है तो यह समाज के लिए अपकार है.

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