पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव (panchayat elections) के दौरान हिंसा के एक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दावा किया कि मतदान केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खो गया है. पुलिस के इस बयान पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. गौरतलब है कि उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में मतदान के दिन दो लोगों की हत्या का मामला सामने आया था. इसे लेकर हाईकोर्ट में दायर की गयी थी और अदालत ने पुलिस से सीसीटीवी फुटेज मांगा था. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत को बताया कि उस घटना में बूथ के अंदर और बाहर के वीडियो फुटेज खो गया है. इस बयान के बाद कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर असंतोष जताया और पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं.
ज्ञात हो कि इस्लामपुर के जागीर बस्ती में मतदान के दिन दो भाइयों की हत्या कर दी गयी थी. एक तृणमूल कांग्रेस और दूसरा कांग्रेस समर्थक था. पुलिस ने बताया कि घटना का सीसीटीवी फुटेज खो गया है. आरोप है कि हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पुलिस ने नाममात्र के लिए आदेश का पालन किया. हाईकोर्ट ने मृतक की पत्नी का गुप्त बयान लेने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के आदेश पर मृतक की पत्नी का गुप्त बयान लेने के बावजूद पुलिस ने उन लोगों को गवाह बना लिया है, जिन पर पीड़ित परिवार ने हत्या का आरोप लगाया है.
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पुलिस की इस भूमिका पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी है और मामले की जांच का जिम्मा एसपी को सौंप दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट के न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने स्थानीय बीडीओ से भी जवाब तलब किया है. उन्होंने कहा कि नौ जनवरी 2024 को बीडीओ को बताना होगा कि मतदान केंद्र के अंदर और बाहर का सीसीटीवी फुटेज क्यों उपलब्ध नहीं है? एसपी उस दिन जांच की प्रगति की रिपोर्ट कोर्ट को देंगे. सोमवार को मामले की सुनवाई में जस्टिस जय सेनगुप्ता ने जानना चाहा कि वोटिंग के दिन दो भाइयों की हत्या कर दी गई थी. वहीं पुलिस लिख रही है कि दो पक्षों के बीच हुए शोर शराबे में दो लोगों की मौत हो गई है. जज ने कहा, ”बहुत हो गया. ”पुलिस की भूमिका के बारे में और कुछ नहीं कहना है.”