पश्चिम बंगाल के बर्दवान में सात महीने से लापता एक नाबालिग के मामले की जांच अब सीबीआई (CBI) करेगा. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने घटना की सीबीआई जांच का निर्देश दिया. वह नाबालिग पूर्व बर्दवान के खंडघोष की रहनेवाली है. अदालत ने यह भी टिप्पणी की है कि पूरे मामले में राज्य पुलिस की लापरवाही दिख रही है. यह आरोप लगाया गया था कि नाबालिग के लापता होने के पीछे सत्ताधारी दल के विधायक व कई प्रभावशाली नेता शामिल हैं. पुलिस पर जांच में लापरवाही करने का आरोप भी लगा था. इसके बाद 15 जनवरी को हाईकोर्ट ने घटना की सीआईडी जांच कराने का निर्देश दिया था.
घटना की जांच जब पुलिस कर रही थी, उस समय दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 90 दिन के भीतर चार्जशीट जमा नहीं होने के कारण दोनों को जमानत मिल गयी. यह भी आरोप लगा कि जिन्हें जमानत मिली है, वह विधायक के घनिष्ठ हैं. मामलाकारी पूरी घटना में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का हाथ बता रहे हैं. जांच का जिम्मा मिलने पर सीआईडी ने कुछ लोगों से पूछताछ की थी. नाबालिग की अन्य राज्य व पड़ोसी देश में तस्करी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है, इसकी जांच भी सीबीआई करेगा. 13 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होगी. उक्त दिन सीबीआई को जांच की प्रगति रिपोर्ट जमा देना होगा.
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बताया जाता है की सात माह से किशोरी का कोई पता नहीं चल पाया है. बताया जाता है की इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी अबतक किशोरी का न तो पुलिस पता लगा पाई है और ना ही अबतक चार्ज शीट ही अदालत में जमा कर पाई है. इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया इसके बाद आज जज ने उक्त निर्देश दिया है. बताया जाता है की इस मामले में जो दो लोग गिरफ्तार हुए थे उक्त गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर पुलिस अदालत में कोई चार्ज शीट जमा नहीं कर पाई जिसके कारण गिरफ्तार दोनों आरोपी की जमानत हो गई.
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