कलकत्ता हाईकोर्ट ने रानीनगर में पंचायत समिति के बोर्ड का गठन पर लगाई अंतरिम रोक,अगली सुनवाई होगी 14 सितंबर को
कांग्रेस ने कोर्ट में दावा किया था कि बोर्ड गठन को रोकने के लिए पंचायत समिति अध्यक्ष समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रानीनगर नंबर 2 पंचायत समिति की स्थायी समिति का गठन आज होना था लेकिन इलाके में भारी तनाव का माहौल है.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रानीनगर नंबर 2 पंचायत समिति के स्थायी संघ के बोर्ड गठन पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. अगली सुनवाई गुरुवार 14 सितंबर को होगी. वहीं यदि पंचायत समिति के स्थायी बोर्ड के गठन के संबंध में पहले ही कोई निर्णय लिया जा चुका है तो वह प्रभावी नहीं होगा. स्थाई एसोसिएशन बनाने का आगे का निर्णय कोर्ट के निर्देश पर लिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि 20 सितंबर तक पंचायत समिति के बोर्ड का गठन नहीं किया जा सकता. कलकत्ता हाईकोर्ट की जज अमृता सिन्हा ने ऐसा आदेश दिया है. इससे पहले कांग्रेस ने कोर्ट में दावा किया था कि बोर्ड गठन को रोकने के लिए पंचायत समिति अध्यक्ष समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रानीनगर नंबर 2 पंचायत समिति की स्थायी समिति का गठन आज होना था लेकिन इलाके में भारी तनाव का माहौल है.
आरोप पंचायत समिति अध्यक्ष को झूठे मामले में लिया गया हिरासत में
कांग्रेस का आरोप है कि सत्ता पक्ष स्थायी संघ बनाने के लिए विपक्ष को निशाना बना रहा है. सोमवार को दोपहर 12 बजे तृणमूल सदस्यों ने बैठक बुलाई थी . कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत समिति अध्यक्ष को झूठे मामले में हिरासत में लिया गया है. गौरतलब है कि कांग्रेस के छह सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वे गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग रहे हैं. कांग्रेस ने कोर्ट को बताया कि वे सदस्य चुनाव में हिस्सा लेना चाहते हैं. स्थायी संघ के सदस्यों की कुल संख्या 42 है. इस पंचायत में कांग्रेस बहुमत में थी लेकिन बाद में कुछ सदस्य तृणमूल में शामिल हो गये.
Also Read: West Bengal Breaking News : राष्ट्रपति की जी20 रात्रिभोज में शामिल होंगी सीएम ममता बनर्जी
आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं उनके समर्थकों को भी रैली में जाने से रोका
रानीनगर पंचायत समिति में जीत के बाद लेफ्ट और कांग्रेस ने पिछले शुक्रवार को विजय रैली का आह्वान किया था. कथित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रैली में शामिल होने के रास्ते में बाधाओं का सामना करना पड़ा. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मिलकर उनके कार्यकर्ताओं व समर्थकों को भी रैली में जाने से रोका गाया. रैली से लौटते वक्त इस घटना से माहौल गरमा गया. कथित तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रानीनगर थाने में घुसकर तोड़-फोड़ की. पुलिस स्टेशन को निशाना बनाकर जमकर ईंटें बरसाई गईं. राज्य राजमार्ग के बगल में स्थित तृणमूल के पार्टी कार्यालय मन्नान हुसैन भवन में भी तोड़-फोड़ की गई और आग लगा दी गई. स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि रानीनगर थाने की मदद के लिए पड़ोसी थाने के पुलिसकर्मियों को भी बुलाया गया. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर और लाठीचार्ज कर स्थिति को संभाला था.
Also Read: बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विदेश दौरे के लिए सौरभ गांगुली को भी न्योता
31 वामपंथी और कांग्रेस समर्थकों को किया गया गिरफ्तार
घटना में शामिल होने के संदेह में रानीनगर पंचायत समिति के अध्यक्ष कुद्दूस अली सहित कुल 31 वामपंथी और कांग्रेस समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों को शनिवार को लालबाग कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने कुद्दूस समेत 31 लोगों को 14 दिन के लिए जेल भेजने का आदेश दिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पुलिस पर पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा ‘हमले’ के लिए माफी मांगी है. हालांकि अपनी पुरानी स्थिति पर कायम रहते हुए बहरामपुर के सांसद ने पिछले शनिवार को दावा किया कि पुलिस और तृणमूल के लोगों ने व्यवस्थित रूप से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीटा और तनाव को बढ़ावा दिया था. इसके अलावा अधीर ने ‘झूठे मामलों’ में जेल में बंद पार्टी कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग को लेकर जिलाव्यापी आंदोलन की चेतावनी भी दी है.