Loading election data...

कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्देश : पर्षद ने नियम नहीं माना तो टेट की प्रक्रिया रोक देंगे, कामकाज सुधारें

पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाइकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की. न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की पीठ ने कहा कि नियम नहीं मानने पर दिसंबर में होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पर कोर्ट रोक लगा देगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2022 2:15 PM

पश्चिम बंगाल के कलकत्ता हाइकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की. न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की पीठ ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा पर्षद को चेतावनी देते हुए कहा कि नियम नहीं मानने पर दिसंबर में होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पर कोर्ट रोक लगा देगी. न्यायमूर्ति गांगुली ने सुनवाई के दौरान कहा : पर्षद अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है, इसलिए मैं अपनी टिप्पणी को वापस ले रहा हूं. जिसमें मैंने कहा था कि दिसंबर में होने वाले टेट के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करूंगा. लेकिन अगर मैंने देखा कि नियमों का पालन नहीं हो रहा तो परीक्षा पर रोक लगा दूंगा. पर्षद की भूमिका पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में एक के बाद एक कई मामले दायर किये गये है.

Also Read: West Bengal Breaking News LIVE : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा – धार्मिक कट्टरता से रहें दूर
नये सिरे से प्रकाशित मेधा सूची में भी गड़बड़ी के आरोप

प्राथमिक शिक्षा पर्षद की ओर से पिछले दिनों 2017 में टेट पास करने वाले अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की गयी थी. पर्षद के नये अध्यक्ष गौतम पाल द्वारा प्रकाशित इस सूची में भी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि एक अभ्यर्थी को मई 2022 में पर्षद ने बताया था कि उसने 24 नंबर हासिल किये हैं. लेकिन इस बार की तालिका में उसका प्राप्तांक 85 है. अभ्यर्थियों ने इसकी जांच के लिए हाइकोर्ट से आग्रह किया है.

Also Read: West Bengal : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा – 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का हो जाएगा सफाया
आंदोलन करने की मांगी अनुमति

वर्ष 2014 में टेट में उत्तीर्ण होने वाले उन अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी है, जिनकी अब तक नियुक्ति नहीं हुई है. अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस द्वारा उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा रही. अभ्यर्थियों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे और अपनी मांगों को रखेंगे. कोलकाता पुलिस ने पूजा के पहले इन अभ्यर्थियों को पांच दिन तक धरना प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन पूजा के बाद इनको अनुमति नहीं दी जा रही है. अब अभ्यर्थियों ने हाइकोर्ट से अनुमति देने की मांग की है.

Also Read: West Bengal : सिरफिरा युवक सड़क पर लुटा रहा था रुपये, गाड़ियां रोक कर लूटने को दौड़ने लगे लोग

Next Article

Exit mobile version