पंचायत चुनाव : केंद्रीय बलों की तैनाती पर आयोग को कोर्ट का नोटिस, शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर फैसला सुरक्षित
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. वहीं, शुभेंदु अधिकारी की ओर से दाखिल की गयी एक याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान जमकर हिंसा हुई है
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान जारी हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने 15 जून (गुरुवार) को राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है. वहीं, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की एक जनहित याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन में हिंसा का मामला पहुंचा कोर्ट
शुभेंदु अधिकारी की याचिका पश्चिम बंगाल में चल रहे पंचायत चुनाव के लिए नामांकन से जुड़ी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान जमकर हिंसा हुई. राज्य निर्वाचन आयोग हिंसा को रोकने में नाकाम रहा. साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश का भी पालन करने में विफल रहा, जिसमें लोगों को सुरक्षा देने के लिए संवेदनशील जिलों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्देश दिया था.
हाईकोर्ट से किया गया था ये निर्देश
कोर्ट ने जिस याचिका पर पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है, उसमें राज्य चुनाव आयुक्त को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश पर अमल करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दाखिल की गयी थी, जो राज्य में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पंचायत चुनाव कराने के लिए दायर कई जनहित याचिकाओं पर दिया गया था.
केंद्रीय बलों की तैनाती का दिया था आयोग को आदेश
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 8 जुलाई 2023 को होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का मंगलवार को आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने एसईसी को पंचायत चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल के पुलिस बल के साथ मिलकर काम करने के वास्ते केंद्रीय बलों की मांग करने के लिए कहा था.
चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने दिया था ये आदेश
कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीड ने कहा कि मंगलवार को पारित उसके आदेश के खिलाफ एसईसी हमेशा अर्जी दाखिल कर सकता है, अन्यथा केंद्रीय बलों की मांग और उनकी तैनाती करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि कई इलाके संवेदनशील हैं और एसईसी यह नहीं कह सकता कि वह उन इलाकों को चिह्नित करने की कोशिश कर रहा है.
75000 सीटों पर वोटिंग 8 जुलाई को
खंडपीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग के वकील से कहा कि वह उसके आदेश पर आयोग का रुख स्पष्ट करें. बता दें कि पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में करीब 75,000 सीटों के लिए 8 जुलाई को वोटिंग होगी. नामांकन पत्र दाखिल करने का बृहस्पतिवार को अंतिम दिन है. 8 जुलाई को वोटिंग के बाद 11 जुलाई को मतगणना करायी जायेगी.