अब पंचायत बोर्ड के गठन के दौरान भी केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने का निर्देश
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने मामले में विस्फोटक एक्ट जोड़ने का आदेश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान जज ने अपने वकील के मोबाइल फोन पर बमबाजी की फुटेज देखी.
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के खेजुरी में पंचायत बोर्ड के गठन में बम विस्फोट की घटना को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिया है मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक को घटना की जांच करने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि भविष्य में यहां बोर्ड गठन की प्रक्रिया के दौरान राज्य पुलिस के साथ सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात करना होगा. राज्य सरकार इसके लिए तुरंत केंद्र से मदद मांगेगी. कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, जिले के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा के प्रभारी होंगे. कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य पुलिस के जवानों को पिछले दिनों की तुलना में और अधिक संख्या में तैनात किया जाये. बोर्ड गठन का कार्य बीडीओ कार्यालय के बजाय अब जिलाधिकारी कार्यालय में होगा.
हाइकोर्ट के न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने दिया निर्देश
गौरतलब है कि पांच सितंबर को बोर्ड गठन की प्रक्रिया के दौरान स्थानीय बीडीओ कार्यालय के सामने जम कर बमबाजी हुई थी. उस दिन की घटना को लेकर हाईकोर्ट में तीन मामले दाखिल हुए थे. सांसद शिशिर अधिकारी की कार पर हमले को लेकर हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया है. आरोप है कि कार पर अचानक बमबाजी की गयी. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने मामले में विस्फोटक एक्ट जोड़ने का आदेश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान जज ने अपने वकील के मोबाइल फोन पर बमबाजी की फुटेज देखी.
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मामले में अब तक कुल नौ लोगों को किया गया गिरफ्तार
इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि क्या आपको नहीं लगता कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई है. इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की सुरक्षा का आदेश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने दावा किया कि यहां विस्फोट की घटना है, ऐसे में राज्य को मामले की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है. राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच जारी है. वहीं, सांसद शिशिर अधिकारी ने इस मामले में शामिल होने का अनुरोध किया.
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धूपगुड़ी मॉडल पर लोस चुनाव कराने की पहल
हिंसा के बीच इस साल राज्य में पंचायत चुनाव संपन्न हुआ. पंचायत चुनाव के समाप्त होने के बाद धूपगुड़ी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ. हालांकि धूपगुड़ी में भी पंचायत चुनाव हुआ था, जिसमें व्यापक हिंसा हुई थी. लेकिन पंचायत चुनाव के बाद वहां उपचुनाव के दौरान शांति रही. इस कारण केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारी काफी संतुष्ट हैं. अब चुनाव आयोग धूपगुड़ी उपचुनाव मॉडल पर ही पूरे राज्य में चुनाव करवाना चाह रहा है. इसके लिए दिल्ली से केंद्रीय चुनाव आयोग के चार अधिकारी अगले सप्ताह कोलकाता पहुंच रहे हैं. कोलकाता स्थित केंद्रीय चुनाव आयोग के राज्य दफ्तर में बैठक होगी. इस बैठक में अगले वर्ष होनेवाले लोकसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की जायेगी. इस दौरान चुनाव आयोग के अधिकारी राज्य के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ भी चर्चा करेंगे.
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प्राथमिक शिक्षक भर्ती के मामले में भाई-भतीजावाद का आरोप
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के मामले में भाई-भतीजावाद का आरोप सामने आया है. आरोप है कि डीपीएससी चेयरमैन (उत्तर) ने कथित तौर पर अपने भाई को शिक्षक के पद पर नौकरी दी है. मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने संदेह व्यक्त किया कि परीक्षार्थी का नाम एक हो सकता है. लेकिन पिता का नाम भी एक ही हो, यह नहीं हो सकता. इसके बाद ही न्यायाधीश ने डीपीएससी चेयरमैन को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
शिक्षक भर्ती के लिए 2009 में अधिसूचना जारी की थी
गौरतलब है कि बोर्ड ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए 2009 में अधिसूचना जारी की थी. भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण 2011 में परीक्षा रद्द कर दी गयी थी. 2021 में, नये सिरे से परीक्षा के लिए पैनल प्रकाशित किया गया था. इस पैनल में देखा गया है कि कई ऐसे लोग भी काम कर रहे हैं, जिनके नाम पैनल में नहीं हैं. आरोप है कि डीपीएससी के चेयरमैन देबब्रत सरकार के भाई को नौकरी मिली है. लेकिन उनका नाम पैनल में नहीं है. इस पर बोर्ड ने कहा कि शिकायत के बाद 31 लोगों को बर्खास्त कर दिया गया. इनमें देबब्रत सरकार के भाई का भी नाम शामिल है. इसके बाद न्यायाधीश ने डीपीएससी अध्यक्ष को दो सप्ताह के अंदर पैनल के बाकी अभ्यर्थियों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.