कलकत्ता हाइकोर्ट ने एसएससी की मानी सिफारिश, 1911 ग्रुप डी कर्मचारियों को बर्खास्त करने का दिया आदेश
कलकत्ता हाइकोर्ट ने स्कूल सर्विस कमिशन की सिफारिश मानते हुए स्कूलों में ग्रुप डी के पद पर नियुक्त हुए 1911 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया है.
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने शुक्रवार को स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) की सिफारिश को मानते हुए राज्य के स्कूलों में ग्रुप डी पद पर नियुक्त 1911 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया. न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत का आदेश है कि उक्त कर्मचारियों को अब स्कूल में प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा. उनका वेतन भी बंद कर दिया जायेगा. अब तक मिला वेतन भी कर्मचारियों को लौटाना होगा. भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ इन कर्मचारियों से पूछताछ भी करेगी. जरूरत पड़ने पर इन्हें हिरासत में लेकर भी पूछताछ की जा सकती है.
किसी परीक्षा में नहीं किया जा सकता इस्तेमाल
इन कर्मचारियों का इस्तेमाल किसी परीक्षा में नहीं किया जा सकता है. इससे पहले अदालत ने बिना किसी निर्देश के कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. गत वर्ष 28 सितंबर को अवैध नियुक्ति की वजह से 609 को नौकरी से बर्खास्त किया गया था. इन शून्य पदों पर नये सिरे से नियुक्ति का निर्देश एसएससी को दिया गया है.
ओएमआर शीट में हेरफेर का है आरोप
शुक्रवार को हाइकोर्ट में एसएससी ने हलफनामा देकर कहा कि ओएमआर शीट की जांच करके दोषियों को पता चला है. 2818 ओएमआर शीट में हेरफेर का आरोप है. चार लोगों को चिह्नित नहीं किया जा सका है. 1911 के नंबर एसएससी सर्वर में अधिक थे. इन 1911 को नौकरी दिये जाने की सिफारिश सही नहीं थी. न्यायाधीश ने इस पर कहा कि ये नियुक्तियां अवैध हैं. चूंकि कमीशन ने खुद इन नियुक्तियों की जांच करके यह तथ्य पाया है, इसलिए इनकी सिफारिश पर इन नियुक्तियों को खारिज करना होगा. इन कर्मचारियों को अवैध तरीके से नियुक्ति पाने का दोषी पाया गया है.
कुछ कर्मचारियों ने फैसले को दी खंडपीठ में चुनौती
जिन 2,820 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने के लिए हाइकोर्ट ने कहा था, उनमें से कुछ ने शुक्रवार को डिविजन बेंच में अपील की है. उन्होंने आपात आधार पर सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार की खंडपीठ ने ठुकरा दिया. याचिका की सुनवाई के लिए सोमवार को आने का परामर्श खंडपीठ ने दिया है.