लिव-इन रिलेशन पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है. इस संबंध में दिये गये निचली अदालत के फैसले को भी पलट दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि लिव-इन में रहने वाले पार्टनर ने अगर पहले स्पष्ट कर दिया है कि वह शादीशुदा है और पिता बन चुका है, तो उसके खिलाफ चीटिंग का केस नहीं बनता.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसके साथ ही निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें एक होटल एग्जीक्यूटिव पर लिव-इन पार्टनर को 11 महीने तक धोखा देने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. महिला ने अपने लिव-इन पार्टनर पर आरोप लगाया था कि उसने शादी करने का वादा करके उसे 11 महीने तक धोखा दिया.
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ रॉय चौधरी ने अपने जजमेंट में कहा कि आईपीसी के सेक्शन 415 में ‘चीटिंग’ को परिभाषित किया गया है, जिसका अर्थ है ‘बेईमानी या धोखाधड़ी’, जो जानबूझ कर किया गया हो. इन दोनों को जोड़ने वाली एक कड़ी है ‘चालाकी’.
जस्टिस रॉय चौधरी ने अपने फैसले में आगे कहा कि इस चालाकी या धोखा को स्थापित करने के लिए यह साबित करने की जरूरत है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता से यौन संबंध बनाने के लिए उसके साथ विवाह करने का वादा किया. शिकायतकर्ता की यह बात गलत साबित हुई.
जस्टिस रॉय चौधरी ने यह भी कहा कि यदि एक व्यक्ति अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में छिपाता नहीं है, वह यह भी स्पष्ट कर देता है कि वह पिता बन चुका है, तो ऐसे संबंधों में अनिश्चितता की स्थिति बनी रहती है. यदि पीड़िता ने जान-बूझकर ऐसे संबंध में जाने का रिस्क लिया, तो इसे धोखाधड़ी या चीटिंग नहीं कह सकते.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह आदेश अलीपुर कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की गयी याचिका पर दिया, जिसमें आरोपी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. अलीपुर कोर्ट ने 11 महीने तक महिला के साथ चीटिंग करने के लिए उसे 8 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था, जबकि 2 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा था.
महिला ने प्रगति मैदान पुलिस स्टेशन में वर्ष 2015 में एक शिकायत दर्ज करायी थी. उसने अपनी शिकायत में कहा कि फरवरी 2014 में वह होटल में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गयी थी. इसी दौरान एक फ्रंट डेस्क मैनेजर से उसकी मुलाकात हुई. उसने उसके साथ फ्लर्ट करना शुरू कर दिया. फोन नंबर भी मांगा. उसने उसे नंबर दे दिया.
महिला ने शिकायत में यह भी कहा है कि जब वह पहली बार उस शख्स से मिली, तो उसने अपनी पहली शादी के बारे में उसे बताया. उसने बताया कि उसकी पहली शादी टूट चुकी है. इसके बाद उसने शादी का प्रस्ताव रखा. महिला उसके साथ शादी के लिए तैयार हो गयी.
महिला ने शिकायत में यह भी कहा है कि उसके माता-पिता को उसके लिव-इन रिलेशन के बारे में मालूम था. लेकिन, वे चाहते थे कि उनकी बेटी जल्द से जल्द शादी कर ले. लेकिन, इस पुरुष ने तलाक लेने में देरी की और लिव-इन पार्टनर से कहा कि वह होटल की नौकरी छोड़ दे.
एक साल बाद वह अपनी पहली पत्नी और परिवार के पास मुंबई चला गया. बाद में वह कोलकाता लौटा. वह सिर्फ यह बताने के लिए कोलकाता लौटा था कि उसने अपना मन बदल लिया है. अब वह अपनी पत्नी से तलाक नहीं लेना चाहता. इसके बाद महिला को लगा कि उसके साथ चीटिंग हुई है और उसने थाने में चीटिंग और बलात्कार की शिकायत दर्ज करा दी.