जादवपुर मामले में सीबीआई, एनआईए, एनसीबी को शामिल करने का अनुरोध करते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित मामला दायर किया गया है. विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक द्वारा उच्च न्यायालय में एक जनहित मामला दायर किया गया. जादवपुर की घटना को लेकर अब तक 3 जनहित मामले दायर किये गये हैं. गौरतलब है कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी जादवपुर मामले में अदालत को हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. अब तक इस मामले में 12 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) में प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की अस्वाभाविक मृत्यु की घटना को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. अब इस मामले में हाइकोर्ट की खंडपीठ ने विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति व राज्य के राज्यपाल को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि तृणमूल छात्र परिषद के उपाध्यक्ष सुदीप राहा ने यह जनहित याचिका दायर की है और इसी मामले में अब यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति को जोड़ा गया है. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सुदीप राहा विश्वविद्यालय परिसर में सीसीटीवी लगाने समेत कई मांगों को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
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याचिकाकर्ता के वकील कल्याण बनर्जी ने उस मामले में विश्वविद्यालय अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया. उनके अनुसार, कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल विश्वविद्यालय के सर्वोच्च पदाधिकारी होते हैं. इसके अलावा, जिस समय यह घटना हुई, उस समय विश्वविद्यालय में कोई कुलपति नियुक्त नहीं था, इसलिए मामले में कुलाधिपति को भी शामिल किया जाना चाहिए. सुदीप राहा की ओर से दायर मामले में हॉस्टल अथॉरिटी और गवर्नर के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के चांसलर की भूमिका पर भी सवाल उठाये गये हैं. जनहित मामले में अनुरोध किया गया है कि यूजीसी नियमों के अनुसार विश्वविद्यालयों और छात्रावासों में सीसीटीवी लगाये जायें. वकील कल्याण बनर्जी ने कुलाधिपति की भूमिका पर सवाल उठाये. इसके बाद ही खंडपीठ ने कुलाु कधिपति को पक्षकार बनाने का आदेश दिया.
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जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की हुई मौत के मामले में अब तक 3 जनहित मामले दायर किये गये हैं. इन सभी मामलों की सुनवाई अगले सोमवार को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में होगी. गौरतलब है जादवपुर यूनिवर्सिटी मामले की घटना को लेकर याचिकाकर्ताओं का मानना है कि सीबीआई, एनआईए, एनसीबी ही अच्छे से जांच कर पाएगी. आरोप है कि पुलिस की ओर से उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.
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नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी शुक्रवार को जेयू के मृत छात्र के घर जाकर उसके माता-पिता से मुलाकात की. उनके साथ पार्टी के कई विधायक भी मौजूद थे. छात्र के परिवार को श्री अधिकारी ने परामर्श दिया कि घटना की जांच अदालत की निगरानी हो, इसके लिए अदालत की मदद लें. उन्होंने मृत छात्र के पिता व मां से कुछ देर तक बात की और हर संभव मदद का भरोसा भी दिया. मुलाकात के बाद श्री अधिकारी ने कहा कि मामले में जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, उसमें सत्तारूढ़ पार्टी की परोक्ष मदद है.
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दीपशेखर दत्त के भाई राजशेखर का नाम उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह आइ-पैक का कर्मी है, इसलिए उसे पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया गया. इस घटना के लिए पुलिस ने जो कमेटी गठित की है, उस पर भी दबाव बनाया जा रहा है. उन्हें निर्देश दिया जा रहा है कि किसे गिरफ्तार करना है, किसे छोड़ देना है. उनका दावा था कि यदि ममता बनर्जी की पुलिस घटना की जांच करेगी तो कभी निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है. इसलिए वे चाहते हैं कि अदालत की निगरानी में घटना की जांच हो. छात्र का परिवार शोक-संतप्त है. हमलोगों पर परिवार ने भरोसा रखा है. मैंने अपना फोन नंबर भी दिया है. उन्हें कहा है कि यदि किसी तरह की मदद की जरूरत है, तो हमें बताएं. जितना हम सकेंगे, जरूर करेंगे. घटना के लिए जो दोषी है, उन्हें सजा जरूर मिलेगी. अब भी कई गिरफ्तारियां बाकी है.
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