प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती अधिसूचना को कलकत्ता हाइकोर्ट ने किया खारिज
न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने शिक्षा परिषद की अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ इन याचिकाकर्ताओं ने खंडपीठ में आवेदन किया था. उसी संबंध में मंगलवार को फैसला सुनाया गया है
कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी हालिया अधिसूचना पर मंगलवार को रोक लगा दी है. इसके पहले न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने उस निर्देशिका को बरकरार रखा था. लेकिन मंगलवार को न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और सुप्रतिक भट्टाचार्य की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि 2022 के 29 सितंबर को प्राथमिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी विज्ञप्ति खारिज रहेगी. दरअसल इस विज्ञप्ति में शिक्षा परिषद की ओर से बताया गया था
कि जो उम्मीदवार 2020-22 वर्ष के डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) प्रशिक्षण के लिए भर्ती हुए हैं वे भी इस नियुक्ति प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे. शिक्षा पर्षद के इस फैसले के खिलाफ सौमेन पाल सहित कई अन्य ने याचिका लगाई थी. उन्होंने कहा था कि नियमानुसार जिन्होंने 2016 में डीएलएड प्रशिक्षण किया है, केवल उन्हीं को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की छूट रहेगी.
हालांकि न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने शिक्षा परिषद की अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ इन याचिकाकर्ताओं ने खंडपीठ में आवेदन किया था. उसी संबंध में मंगलवार को फैसला सुनाया गया है
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सुप्रीम कोर्ट ने 196 प्राथमिक शिक्षकों की सेवा से बर्खास्तगी पर लगायी रोक
शिक्षक भर्ती घोटाले की चल रही जांच के बीच नौकरी गंवाने वाले 196 प्राथमिक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने अवैध रूप से नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया था. उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में 23 दिसंबर और चार जनवरी को जिन लोगों ने याचिका दायर की थी, उन अभ्यर्थियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है. हाइकोर्ट ने तीन चरणों में कुल 269 शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने का आदेश दिया था.
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनमें से 196 अभ्यर्थियों की नियुक्तियां खारिज करने के आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश जेके माहेश्वरी की पीठ ने यह आदेश दिया. मामले की बुधवार को फिर सुनवाई होगी. गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट की एकल पीठ ने 269 प्राथमिक शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था. बाद में हाइकोर्ट की डिविजन बेंच ने भी उस आदेश को बरकरार रखा. इसके बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि नौकरी से बर्खास्तगी का आदेश किस आधार पर दिया गया? वादियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें इस मामले में पक्षकार तक नहीं बनाया गया. कोर्ट ने सुनवाई में इसके बारे में भी पूछा कि आखिर डिविजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश में क्यों कोई बदलाव नहीं किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.