पश्चिम बंगाल में भाजपा की परिवर्तन यात्रा पर रोक लगाने वाले मामले में आ गया कलकत्ता हाइकोर्ट का फैसला
Bengal Chunav 2021, Calcutta High Court, Parivartan Yatra: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वहां परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया था. इसके बाद जेपी नड्डा ने दो और रथ यात्रा को रवाना किया, जबकि गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कूचबिहार में परिवर्तन यात्रा के चौथे चरण का आगाज किया. इसी दिन कलकत्ता हाइकोर्ट ने भाजपा की रथ यात्रा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की परिवर्तन यात्रा पर गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया. भाजपा की परिवर्तन यात्रा को रोकने की मांग करने वाली एक याचिका पिछले दिनों दाखिल हुई थी. इसी को आधार बनाते हुए नदिया जिला के नवद्वीप में पुलिस ने रथ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी थी.
हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वहां परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया था. इसके बाद जेपी नड्डा ने दो और रथ यात्रा को रवाना किया, जबकि गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कूचबिहार में परिवर्तन यात्रा के चौथे चरण का आगाज किया. इसी दिन कलकत्ता हाइकोर्ट ने भाजपा की रथ यात्रा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
भाजपा राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले आम लोगों तक पहुंच बनाने और अपना जनाधार बढ़ाने के लिए बंगाल में 5 जगहों से रथ यात्राएं निकाल रही है, जो सभी जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगी. कलकत्ता हाइकोर्ट में भाजपा की इस रथ यात्रा के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा था कि यात्रा निकलने से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने का खतरा है. हिंसा बढ़ सकती है. इसलिए इस पर रोक लगायी जाये.
गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस अनिरुद्ध राय की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने राजनीति से प्रेरित होकर याचिका दायर की है. राजनीतिक विवाद सुलझाने की जगह अदालत नहीं है. इसका फैसला बैलट बॉक्स से होना चाहिए. वहीं सभी विवादों का समाधान होगा.
जज ने कहा कि याचिकाकर्ता वकील ने स्वयं को तृणमूल कांग्रेस लीगल सेल का सदस्य बताते हुए याचिका दायर की है. इसलिए यह राजनीति से प्रेरित मामला है, यह कभी भी जनहित याचिका नहीं हो सकती. इसके बाद ही न्यायाधीश ने याचिका को खारिज कर दिया.
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गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस लीगल सेल के अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि भाजपा की प्रस्तावित रथ यात्रा से प्रदेश में कोरोनावायरस की स्थिति और कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, लेकिन हाइकोर्ट ने उनके आवेदन को ठुकरा दिया.
Posted By : Mithilesh Jha