22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Calcutta High Court : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशाखाली में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा हटाई

न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने संदेशखाली के जिला प्रशासन द्वारा लागू सीआरपीसी की धारा 144 को रद्द कर दिया था और कहा कि जिस तरह से यह किया गया, वह सही नहीं है.जज की बात मानते हुए संवेदनशील इलाकों को चिन्हित करते हुए धारा 144 जारी करनी चाहिए थे .

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली (Sandeshkhali Incident) में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा को मंगलवार को हटा दिया. इस क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. संदेशखाली के दो निवासियों ने याचिका दायर कर इलाके से निषेधाज्ञा हटाने के लिए अदालत से निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में संदेशाखाली में नौ फरवरी को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई थी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थीं .जज की बात मानते हुए संवेदनशील इलाकों को चिन्हित करते हुए धारा 144 जारी करनी चाहिए थे ना कि पूरे इलाके में धारा 144 जारी करना चाहिए था.

लोगों के अधिकारों को कम करने के लिए ऐसा किया गया

न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने संदेशखाली के जिला प्रशासन द्वारा लागू सीआरपीसी की धारा 144 को रद्द कर दिया था और कहा कि जिस तरह से यह किया गया, वह सही नहीं है. याचिकाकर्ता के वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य ने दावा किया कि संदेशखाली में निषेधाज्ञा आदेश लागू करने का आधार नहीं है और लोगों के अधिकारों को कम करने के लिए ऐसा किया गया. राज्य ने प्रार्थना का विरोध करते हुए दावा किया कि यह भी देखना होगा कि क्या ऐसे विरोध प्रदर्शनों के लिए पर्याप्त आधार था और क्या ऐसे कुछ आंदोलनों से कथित तौर पर हिंसा हुई थी.

Also Read: पश्चिम बंगाल : कलकत्ता हाईकोर्ट ने गर्भवती महिला कैदियों की स्थिति पर जताई चिंता, कही ये बात
तीन वर्षों से पुलिस को नहीं मिली कोई शिकायत

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने राज्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, उस क्षेत्र की महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही थी पिछले तीन वर्षों से पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली. इतने सारे आरोपों के बाद कोर्ट अपनी आंखें बंद नहीं कर सकता. इस फैसले के बाद तृणमूल नेता तापस रॉय ने कहा, ”संदेशखाली में भयानक स्थिति चल रही है. इसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस की भूमिका है.अगर हर मामले में पुलिस-प्रशासन को कोर्ट से इसी तरह निर्देशित किया जाएगा तो दिक्कत हो सकती है. माननीय मुख्यमंत्री जी हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि यह समस्या न हो. संदेशखाली को लेकर हर कोई चिंतित है. हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे कोई उत्तेजना, उत्तेजना न हो.

Also Read: बंगाल: कुड़मी समुदाय के उम्मीदवारों को कलकता हाईकोर्ट से मिली राहत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें