कोलकाता, अमर शक्ति : कलकत्ता हाईकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी के सीइओ सहित सभी निदेशकों की संपत्ति का ब्यौरा तलब किया है. मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा कि वह कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीइओ) सहित सभी निदेशकों की संपत्ति का ब्यौरा लेकर अदालत में जमा करे. गौरतलब है कि लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी के सीइओ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी हैं. अदालत ने इसके लिए ईडी को सात दिनों का समय दिया है. पीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसी को 21 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. अदालत ने ईडी को एक कॉर्पोरेट इकाई के अन्य निदेशकों की संपत्ति का विवरण भी देने को कहा है. इस कॉर्पोरेट इकाई का नाम हाल ही में स्कूलों में नौकरी के लिए पैसे देने के मामले की जांच में सामने आया है.
मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने इडी को टॉलीवुड अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के नाम के साथ-साथ उनकी संपत्ति के विवरण भी पेश करने का निर्देश दिया, जिनके नाम इस मामले में सामने आये हैं. पीठ ने मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र की संपत्ति का विवरण भी मांगा है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. सुजय कृष्ण भद्र की पहचान कॉर्पोरेट इकाई के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी के रूप में की गयी है. वहीं, गुरुवार को इडी ने हाइकोर्ट में अभिषेक बनर्जी से हुई पूछताछ के संबंध में रिपोर्ट पेश की.
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गौरतलब है कि शिक्षक नियुक्ति घोटाले के मामले में ईडी के अधिकारियों ने बुधवार को अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. बुधवार रात ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद बनर्जी ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पूछताछ के दौरान अपना विस्तृत बयान अदालत में सौंपने और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित करने की चुनौती दी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बुधवार को पूछताछ के लिए जानबूझ कर बुलाया गया ताकि वह उसी दिन दिल्ली में हो रहे विपक्षी इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की पहली बैठक में शामिल न हो सकें.
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फाइल डाउनलोड मामले में बड़ी राहत प्रदान की है. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने ईडी अधिकारी के खिलाफ कोई दंडात्मक पुलिस कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि ईडी अधिकारी ने पिछले महीने लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी के कार्यालय में छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान 16 व्यक्तिगत फाइलें डाउनलोड की थीं, जिसके बाद कंपनी के एक कर्मचारी ने केंद्रीय एजेंसी पर सबूत प्लांट करने का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के साइबर-अपराध प्रभाग में मामला दर्ज किया था. इसे लेकर मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी ने कोलकाता पुलिस पर मामले में अनावश्यक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ का दरवाजा खटखटाया था.
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अदालत सत्र के दूसरे भाग में मामले की सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि चूंकि कंप्यूटर की हार्ड-डिस्क जहां से 16 व्यक्तिगत फाइलें डाउनलोड की गयी थीं, उसे छापे और तलाशी अभियान के बाद ईडी द्वारा जब्त नहीं किया गया था, इसलिए कोई कारण नहीं है यह विश्वास करना कि वे फाइलें किसी गुप्त उद्देश्य से डाउनलोड की गयी थीं. इसके बाद, उन्होंने राज्य सरकार के वकील से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब से कोलकाता पुलिस इस मामले में ईडी अधिकारियों को कोई और विज्ञप्ति नहीं भेजेगी.
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उन्होंने कहा कि उत्पीड़न के आरोपों का अंत होना चाहिए. ईडी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद उसके एक अधिकारी ने अनजाने में फाइलें डाउनलोड कर ली थीं और वे 16 फाइलें छात्रावास से संबंधित थीं. यह अधिकारी की बेटी से संबंधित था, जिसने राज्य के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया था. संबंधित अधिकारी को जांच टीम से हटाकर कोलकाता से गुवाहाटी स्थानांतरित कर दिया गया है.