मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में दोबारा चुनाव होगा या नहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगी रिपोर्ट

मतदान से पहले सभी बूथों पर पुलिस तैनात करने का आदेश दिया गया था. तो पुलिस क्या कर रही थी ? हालांकि, सरकारी वकील इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे सके. इसके बाद जस्टिस सिन्हा ने राज्य आयोग आयोग को निर्देश दिया कि पीठासीन पदाधिकारी के शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि चुनाव नहीं हुआ

By Shinki Singh | September 1, 2023 2:59 PM

कलकत्ता हाईकोर्ट में एक पीठासीन अधिकारी के बयान से पंचायत चुनाव सवालों के घेरे में आ गया है. मुर्शिदाबाद के बेलडांगा ब्लॉक 2 के एक बूथ के पीठासीन अधिकारी ने अपने हलफनामे में कहा कि बूथ पर कब्जा होने के बाद वहां पर चुनाव प्रक्रिया काे पूरा नहीं किया जा सका. यह घटना बेलडांगा-2 ब्लॉक के काशीपुर ग्राम पंचायत की है. सीपीएम उम्मीदवार नसीमा बेगम ने उस बूथ पर धांधली और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दोबारा चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

जबरन बूथ पर किया गया था कब्जा

उस मामले में न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने काशीपुर प्राथमिक विद्यालय बूथ के पीठासीन अधिकारी सुमित पांडे को मतदान के दिन शपथ पत्र के माध्यम से जानकारी देने का आदेश दिया. उस शपथ पत्र में पीठासीन अधिकारी सुमित पांडे नामक केंद्रीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षक ने मतदान के दिन के अनुभव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि उस दिन 12:30 बजे उपद्रवी लोग मतदान केंद्र में घुस गये और बूथ पर कब्जा कर लिया. फिर उन्होंने मतपत्र छीन लिया और वोट छापने लगे. सीसीटीवी कैमरा को तोड़ दिया गया.

Also Read: I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में संयोजक और संगठन पर आज होगा फैसला, ममता बनर्जी ने कहा न करें समय बर्बाद
बदमाशों ने दी थी जान से मारने की धमकी

बूथ के पीठासीन अधिकारी सुमित पांडे ने बताया कि बदमाश उन्हें जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे और उन्होंने कहा कि जो कहते हैं वैसा तुमको करना होगा. पीठासीन अधिकारी ने यह भी कहा कि उनके और मतदान अधिकारियों के मोबाइल फोन छीन लिये गये थे. जिसके कारण सेक्टर कार्यालय से संपर्क नहीं हो सका. पीठासीन अधिकारी ने हलफनामे में बताया कि बदमाशों ने उनसे मतपेटी सील करने और डायरी में शांतिपूर्ण मतदान लिखने के लिए भी दबाव बनाया.

चुनाव आयोग को देनी हो 8 सितंबर तक रिपोर्ट

पीठासीन अधिकारी के शपथ पत्र के इस कथन को देखकर आश्चर्यचकित जज ने कोर्ट में मौजूद सरकारी वकील से पूछा कि अगर 12:30 से 5 बजे तक ऐसा हुआ तो पुलिस कहां थी. मतदान से पहले सभी बूथों पर पुलिस तैनात करने का आदेश दिया गया था. तो पुलिस क्या कर रही थी ? हालांकि, सरकारी वकील इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे सके. इसके बाद जस्टिस सिन्हा ने राज्य आयोग आयोग को निर्देश दिया कि पीठासीन पदाधिकारी के शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि चुनाव नहीं हुआ. आयोग को 8 सितंबर तक रिपोर्ट देनी है कि उस केंद्र में दोबारा चुनाव होगा या नहीं.

Also Read: पंचायत चुनाव जीतने वाले तृणमूल उम्मीदवार की गोली मारकर हत्या, पड़ोसी भी घायल

Next Article

Exit mobile version