पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर दो गुटों के बीच हुई झड़प मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस पर हुगली के बांसबेरिया के एक स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर मुख्य न्यायाधीश ने व्यावहारिक रूप से राज्य को फटकार लगाई. कोर्ट ने गृह विभाग के मुख्य सचिव का हलफनामा तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार को टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या आपको नहीं लगता कि यह गंभीर अपराध है. राज्य को इस बारे में अधिक सतर्क रहना चाहिए था. उन्होंने कहा, मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ जानना चाहती है कि याचिकाकर्ता विपक्षी दल का नेता है, इसलिए राज्य इस मामले में इतना अनिच्छुक है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि आप भूल जाते हैं कि कोर्ट में कौन आया था. राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हम सभी का अपमान है. राज्य को ऐसी घटनाओं के प्रति अधिक सतर्क और जागरूक रहना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि पुलिस को सहज कार्रवाई करनी चाहिए थी. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम ने राज्य के वकील से कहा हर चीज को राजनीतिक रंग न दें. झूठ मत बोलो सिर्फ आपके आंखें बंद कर लेने से दुनिया में अंधेरा नहीं हो जाता. जब से मैं यहां आया हूं, मैंने देखा है कि वादी कौन है, यह यहां बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा तो फिर मैं ये केस छोड़ रहा हूं. क्या राज्य इसके बाद जांच करेगा ? गिरफ्तारी इस समस्या के लिये पर्याप्त नहीं है. जेल में तीन वक्त की रोटी खाने के बाद जमानत पर रिहा होने के बाद वह फिर घूमेगा. उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए. उन्हें मुर्शिदाबाद की किसी भी जेल में भेज दिया जाना चाहिए.
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खंडपीठ ने कहा अगर यह घटना बच्चों के सामने हुई तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्य न्यायाधीश जानना चाहते थे कि उस दिन इतने सारे लोग स्कूल में कैसे घुस आये. राज्य का कहना है कि फिलहाल स्कूल बंद है. इस घटना में 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि वादी ने आरोप लगाया कि केवल घायल लोगों को ही गिरफ्तार किया गया था.
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संयोगवश, 15 अगस्त को बंसबेरिया में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया था. उस घटना में स्कूल में कई लोग घायल हो गये थे. इस घटना में पुलिस भी घायल हो गई है. घटना एक हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल की है. इसके कारण मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने गृह विभाग के मुख्य सचिव को पूरी घटना की रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ देने का आदेश दिया. वह यह भी बताएंगे कि किसे गिरफ्तार किया गया है. उनकी पृष्ठभूमि क्या है और उन्हें किस जेल में रखा जा रहा है. एक हफ्ते बाद मामले की दोबारा सुनवाई हुई. अदालत ने स्कूल को घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.
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