भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य की जनता को केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित मामला दायर किया है. उनके मुताबिक राज्य सरकार ने बंगाल के लोगों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाओं से वंचित करने के लिए ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ (सीएससी) को बंद कर दिया है. करीब 40,000 सीएससी सेंटर बंद हो गए हैं. इसके जगह नबन्ना ने ‘बांग्ला सहायता केंद्र’ नामक एक प्रणाली शुरू की है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सवाल किया है कि राज्य के लोगों के लिए केंद्रीय योजना क्यों रोक दी गई है. हाईकोर्ट ने राज्य से इस मामले में हलफनामा मांगा है .
सोमवार को इस संदर्भ में मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्रीय सुविधा को बंद करके ‘बांग्ला सहायता केंद्र’ बनाने का राज्य का कार्य अदालत के समझ के बाहर की बात हो गई है. राज्य द्वारा इस तरह की कार्रवाई का कारण अदालत के सामने स्पष्ट नहीं है. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि भले ही राज्य वैकल्पिक प्रणाली अपनाता है लेकिन यह केंद्रीय प्रणाली के बराबर नहीं है. ऐसे में केंद्रीय परियोजना की सुविधाओं को आम लोगों से क्यों छुपाया जा रहा है. 15 दिनों के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से सरकार को अवगत कराया जाये.