Cannes 2022 : इंडिया पवेलियन के उद्घाटन के मौके पर बोलीं दीपिका पादुकोण- एक दिन कान्स भारत में होगा…

Cannes 2022 की शुरुआत 17 मई को हो चुकी है और इस साल भारत आकर्षण का केंद्र है. 75वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारतीय पवेलियन के उद्घाटन के मौके पर दीपिका पादुकोण ने कहा, "भारत महानता के शिखर पर है

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2022 4:42 PM

Cannes 2022 की शुरुआत 17 मई को हो चुकी है और इस साल भारत आकर्षण का केंद्र है. फ्रांस में कान्स फिल्म फेस्टिवल के साथ आयोजित मार्चे डू फिल्म में भारत आधिकारिक ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ है. बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, जो कान्स जूरी में भी हैं, उन्होंने 18 मई को केंद्रीय सूचना और प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मार्चे डू फिल्म में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया.

कान्स भारत में होगा- दीपिका पादुकोण

75वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारतीय पवेलियन के उद्घाटन के मौके पर दीपिका पादुकोण ने कहा, “भारत महानता के शिखर पर है, यह तो बस शुरुआत है… एक दिन आएगा जब मुझे सच में विश्वास हो जाएगा कि भारत को कान्स में नहीं होना पड़ेगा, लेकिन कान्स भारत में होगा.” इसका वीडियो एएनआई ने शेयर किया है.


‘कंट्री ऑफ ऑनर’ है भारत

मार्चे डू फिल्म में भारत ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ है. ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ टाइटल के तहत, पांच नए भारतीय स्टार्ट-अप को ऑडियो-विजुअल उद्योग को पिच करने का अवसर दिया जाएगा. साथ ही भारत इस सप्ताह के कान्स में कार्यक्रम की शुरुआत करेगा. मार्चे डू फिल्म के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया, “भारत, कंट्री ऑफ ऑनर, इस सप्ताह के कार्यक्रम की शुरुआत करेगा और कैसे वे दुनिया का कंटेंट पावरहाउस बनने में महान कदम उठा रहे हैं.”

कान्स मे दिखायी जायेंगी ये छह भारतीय फिल्में 

इस साल कान्स फिल्म मार्केट में भारत की छह फिल्में दिखाई जा रही हैं. इनमें शामिल हैं – रॉकेट्री – द नांबी इफेक्ट (हिंदी, अंग्रेजी, तमिल), गोदावरी (मराठी), अल्फा बीटा गामा (हिंदी), बूमबा राइड (मिशिंग), धुइन (मैथिली) और निराये थाथकलुल्ला मरम (मलयालम.

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जूरी का हिस्सा हैं दीपिका पादुकोण

भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में जूरी का हिस्सा हैं. उन्होंने पीटीआई से बातचीत में अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा था, “हालांकि यह एक व्यक्तिगत जीत की तरह लगता है, यह दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए थोड़ी बड़ी जीत की तरह भी लगता है … हम सचमुच अपनी उंगलियों पर भरोसा कर सकते हैं कि भारत से कोई भी जूरी में कितनी बार रहा है या प्रतिनिधित्व करने का इस तरह के मंच पर अवसर मिला है. ”

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