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धनबाद के BBMKU में रातों-रात बनी कैंटीन, अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी, जानिए पूरा मामला

धनबाद के BBMKU में रातों-रात कैंटीन बन गयी लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. अब जब यह मामला उजागर हो गया, तो विवि के अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के भेलाटांड़ स्थित नये परिसर में रात भर में कैंटीन बन गयी. दूसरी ओर इस संबंध में अधिकारियों को पता तक नहीं है. जानकारों का कहना है कि इसमें विवि परिसर के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति के लिए उचित प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी. इससे विवि को राजस्व का नुकसान हुआ है. अब जब यह मामला उजागर हो गया, तो विवि के अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

क्या है मामला

विवि के भेलाटांड़ स्थित नये परिसर में इसी माह से शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू होनी है. इसको लेकर वहां अस्थायी कैंटीन बनवाने का निर्णय विवि प्रशासन ने लिया था. जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में विवि ने इच्छुक आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किया था. आवेदन की शर्त के अनुसार आवेदकों के पास फूड लाइसेंस और कैटरिंग का अनुभव होना चाहिए. उन्हें आवेदन के साथ 10 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट देना था.

शर्त के मुताबिक चयनित आवेदक को ही कैंटीन बनवाना था, पर इससे संबंधित नोटिस सिर्फ विवि के बोर्ड पर लगाया गया. पहले दो फरवरी तक आवेदन देने की अंतिम तिथि थी. बाद में इसे बढ़ाकर सात फरवरी (शाम चार बजे) तक कर दिया गया. जानकारों का कहना है कि बुधवार शाम तक यह तय नहीं था कि किसे कैंटीन संचालित करने की अनुमति दी जायेगी. बावजूद इसके विवि परिसर में कैंटीन का निर्माण शुरू हो गया है.

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क्या कहते हैं अधिकारी

रजिस्ट्रार डॉ सुधिंता सिन्हा ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. इस संबंध में सभी प्रक्रिया सीसीडीसी सेक्शन से हुआ है. वहीं सीसीडीसी डॉ एके माजी ने बताया कि इस संबंध में कोई भी फाइल उनके पास अभी नहीं है. यह फाइल अभी कहां है, वह इस संबंध में भी कुछ नहीं जानते हैं. वह सात फरवरी तक छुट्टी पर थे, इसलिए नहीं जानते हैं कि नये परिसर में कैंटीन कैसे बन रहा है.

नये परिसर में प्रवेश पर है रोक

नये परिसर में कुलपति प्रो शुकदेव भोइ की अनुमति के बगैर किसी के भी प्रवेश पर रोक है. यहां तक विवि का कोई अधिकारी या कर्मचारी भी नये परिसर में उनकी अनुमति के बगैर नहीं जा सकता है. इस पर सवाल उठ रहा है कि ऐसे में कैसे कैंटिन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई. कुलपति बुधवार को धनबाद में नहीं थे, इसलिए इस संबंध में उनसे बात करने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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उठ रहे सवाल

कैंटीन संचालन एक व्यावसायिक गतिविधि है, फिर बिना नीलामी जगह कैसे आवंटित की गयी. कैंटीन के लिए आवेदन विवि के वेबसाइट पर क्यों नहीं जारी किया गया. केवल नोटिस बोर्ड पर क्यों जारी किया गया.

चार को मिली है कैंटीन निर्माण की अनुमति

विवि के नये परिसर में कैंटीन बनाने के लिए सात फरवरी तक चार लोगों का आवेदन प्राप्त हुआ था. सभी को कैंटीन बनाने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है.

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