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Drone Technology से करियर को दें नयी उड़ान

Career in Drone technology: आज डिफेंस से लेकर कृषि, हेल्थकेयर, टूरिज्म सहित अन्य कई क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आप अगर संभावनाओं भरे सेक्टर में करियर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, तो ड्रोन इंडस्ट्री आपको बेहतरीन मौके दे सकती है...

Drone Technology केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में नमो ड्रोन दीदी स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल के आवंटन से 2.5 गुना ज्यादा है. वहीं, अमेरिका ने भी भारत को 31 प्रीडेटर ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दे दी है. ड्रोन इंडस्ट्री तेज विस्तार करनेवाले क्षेत्रों में शामिल है. आज डिफेंस से लेकर कृषि, हेल्थकेयर, टूरिज्म सहित अन्य कई क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आप अगर संभावनाओं भरे सेक्टर में करियर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, तो ड्रोन इंडस्ट्री आपको बेहतरीन मौके दे सकती है…

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ड्रोन टेक्नोलॉजी का उदय जॉब मार्केट के परिदृश्य को तेजी से बदल रहा है, क्योंकि ये मानव रहित हवाई वाहन विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के लिए करियर के नये रास्ते खोल रहे हैं. कृषि क्षेत्र ड्रोन-चालित हो गया है, क्योंकि औद्योगिक खेतों और एग्रीटेक स्टार्टअप ने इस तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है. ड्रोन अब कीटनाशकों के इस्तेमाल और फसल स्वास्थ्य की निगरानी जैसी कृषि गतिविधियों के लिए उपयोग किये जा रहे हैं. रियल एस्टेट सेक्टर में भी हवाई सर्वेक्षण और 3डी मॉडलिंग के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव निगरानी, कानून प्रवर्तन, भौगोलिक मानचित्रण, पुरातात्विक सर्वेक्षण, मौसम पूर्वानुमान, हवाई यातायात प्रबंधन, खेल पर्यटन और मनोरंजन में ड्रोन का उपयोग प्रचलित हो गया है. ऐसे में विज्ञान का छात्र होने के नाते आप वक्त के साथ विस्तृत हो रहे क्षेत्र में सफलता की ऊंचाइयां छूना चाहते हैं, तो ड्रोन टेक्नोलॉजी में करियर को उड़ान दे सकते हैं.

  • 2026 तक भारतीय ड्रोन बाजार के 12 से 15 हजार करोड़ तक होने की उम्मीद.

  • 349 मिलियन डॉलर तक होगा ड्रोन ट्रेनिंग एवं एजुकेशन मार्केट 2030 तक.

आप रख सकते हैं इस इंडस्ट्री में कदम

मान्यताप्राप्त संस्थान से मैथमेटिक्स, फिजिक्स व केमिस्ट्री के साथ बारहवीं पास करनेवाले युवा ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं. आईआईटी संस्थानों में इस विषय की पढ़ाई करायी जाती है. वहीं इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल, इंस्ट्रूमेंटेशन या कंप्यूटर साइंस जैसे टेक्निकल बैकग्राउंड के छात्र भी ड्रोन से संबंधित कोर्स कर सकते हैं. ड्रोन टेक्नोलॉजी कोर्स के तहत छात्रों को बेसिक प्रिंसिपल्स ऑफ फ्लाइट प्लानिंग, एटीसी प्रोसीडर, रेडियोटेलीफोनी, एमरजेंसी आइडेंटिफिकेशन एंड हैंडलिंग, एयरोडायनामिक्स, एयर स्पेस स्ट्रक्चर एंड रिस्ट्रिक्शंस और बेसिक एविएशन मीटीअरोलॉजी आदि विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है. इसके अलावा भारत में किन श्रेणियों के अंतर्गत ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह बताया जाता है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ड्रोन को उनके वजन, डिजाइन और रेंज के आधार पर वर्गीकृत किया है.

इन प्रोफेशन में मिलेंगे आगे बढ़ने के मौके

ड्रोन टेक्नोलॉजी में स्पेशलाइजेशन के साथ आप इस इंडस्ट्री में निम्न करियर विकल्पों में खुद को आगे बढ़ा सकते हैं-

डिजाइन इंजीनियर और असेंबलर : ड्रोन निर्माण करने वाले मैन्युफैक्चरर और उन्हें असेंबल करने वाले असेंबलर की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस इंडस्ट्री को ऐसे युवाओं की जरूरत होती है, जो एरोनॉटिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल और रोबोटिक्स इंजीनियरिंग जैसी इंजीनियरिंग शाखाओं में अपनी विशेषज्ञता के आधार पर ड्रोन विकसित कर सकें.

ड्रोन पायलट : ड्रोन शो के बढ़ते चलन के साथ ड्रोन पायलट की मांग भी बढ़ रही है, कंपनियों को ऐसे प्रशिक्षित पेशेवरों की आवश्यकता है, जो दूर से ड्रोन की उड़ानों का प्रबंधन कर सकें. एक ड्रोन पायलट को सिनेमाटोग्राफी, हवाई फोटोग्राफी, मानचित्रण, मॉडलिंग और कई अन्य उपयोगों के लिए हायर किया जाता है.

ड्रोन पायलट बनने के लिए आपको रिमोट पायलट लाइसेंस (आरईपीएल) की आवश्यकता होती है, जो नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) द्वारा अधिकृत होता है. डीजीसीए प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठनों (आरपीटीओ) को भी मंजूरी देता है. भारत में 52 अनुमोदित आरपीटीओ हैं.

पायलट ट्रेनर : ड्रोन पायलट बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रमाणित शिक्षकों की आवश्यकता होती है. वे सुरक्षित उड़ान सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

ड्रोन फ्लाइट प्लानर : इस पेशे में फ्लाइट शेड्यूल, ऊंचाई, मौसम से संबंधित निर्देशों और डेटा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पिक्चर या वीडियो कैप्चर निर्देशों को निर्धारित करना शामिल है. ड्रोन उड़ान योजनाकारों को विशिष्ट उपयोग-मामले, उड़ान के स्थान, क्षेत्र को समझने की भी आवश्यकता होती है, जहां ड्रोन को उतारना होता है.

ड्रोन डेटा स्पेशलिस्ट : ड्रोन डेटा विशेषज्ञ और जीआईएस इंजीनियर डेटासेट के प्रसंस्करण और विश्लेषण का समन्वय करते हैं. जीआईएस पेशेवर कंपनियों को रुझानों और संभावित समस्या क्षेत्रों को पहचानने के लिए इमेज, वीडियो और मानचित्रों की व्याख्या करने में मदद करते हैं. ड्रोन इंडस्ट्री में ऐसे क्षेत्र-वार विशेषज्ञों की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, जो ड्रोन डेटा को कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि में बदल दें.

महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ायेगी नमो ड्रोन दीदी योजना

नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत 2022 में की गयी थी. इस योजना का लक्ष्य पूरे भारत में कम से कम 15,000 महिलाओं को ‘ड्रोन दीदी’ के रूप में ट्रेनिंग देना है. नमो ड्रोन दीदी स्कीम में महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव के बारे में ट्रेनिंग दी जायेगी. उन्हें ड्रोन का इस्तेमाल करके अलग-अलग कृषि कार्यों के लिए भी प्रशिक्षित किया जायेगा. इनमें फसलों की निगरानी, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव और बीज बुआई शामिल है. अंतरिम बजट में सरकार ने नमो ड्रोन दीदी स्कीम के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.

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