बगैर मुर्गी शेड निर्माण के राशि निकासी का मामला : कमेटी ने किया स्थल निरीक्षण, होगा केस

बगैर मुर्गी शेड का निर्माण किये मजदूरी व मैटेरियल की राशि निकाल लिये जाने के मामले में गुरुवार को डीडीसी की गठित जांच कमेटी ने स्थल का निरीक्षण किया. पाया कि मुर्गी शेड नहीं बना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2020 5:54 AM
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गिरिडीह/गांडेय : बगैर मुर्गी शेड का निर्माण किये मजदूरी व मैटेरियल की राशि निकाल लिये जाने के मामले में गुरुवार को डीडीसी की गठित जांच कमेटी ने स्थल का निरीक्षण किया. पाया कि मुर्गी शेड नहीं बना है. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई तेज कर दी गयी है. डीडीसी मुकुंद दास ने बताया कि प्रभात खबर में गांडेय प्रखंड के बड़कीटांड़ में दो-दो मुर्गी शेड निर्माण किये बगैर राशि की निकासी कर लिये जाने की खबर प्रकाशित की गयी थी, जो सही पायी गयी है.

उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी दोषी लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. बता दें कि 10 जून को प्रभात खबर में ‘मुर्गी शेड बना नहीं, हो गयी राशि की निकासी’ शीर्षक से प्रमुखता से खबर छपी थी. इसके बाद डीडीसी मुकुंद दास ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी.

इस कमेटी में डीआरडीए के निदेशक आलोक कुमार, जिला परियोजना पदाधिकारी बसंत कुमार, प्रखंड परियोजना पदाधिकारी सतीश कुमार और सहायक अभियंता संतोष महथा को रखा गया. कमेटी ने गुरुवार को गांडेय प्रखंड के बड़कीटांड़ में लाभुक शमसुद्दीन अंसारी व साजिया खातून के गांव का दौरा किया. जमीन पर कहीं भी मुर्गी शेड का निर्माण तक नहीं किया गया था.

जांच टीम ने डीडीसी को सौंपी रिपोर्ट

हालांकि मामले को रफा-दफा करने के उद्देश्य से गड़बड़ी करने वालों ने गुरुवार की सुबह से निर्माण का कार्य शुरू कर दिया था. पूरी स्थिति का जायजा लेने के बाद जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट डीडीसी को सौंप दी है. बताया जाता है कि जांच के क्रम में यह पाया गया कि बगैर मुर्गी शेड बनाये सामग्री का भुगतान फर्जी मस्टर रोल के जरिये मजदूरी का भुगतान आदि कर दिया गया है. जांच अधिकारियों ने रोजगार सेवक से मस्टर रोल की भी मांग की जो उपलब्ध नहीं कराया जा सका. फलस्वरूप मजदूरों के नाम से राशि की निकासी किस तरह से की गयी है, इसका खुलासा नहीं हो सका.

मुखिया समेत कई की मिली संलिप्तता

जांच पदाधिकारी सह डीआरडीए के निदेशक आलोक कुमार ने बताया कि मनरेगा से बड़कीटांड़ के पांडेयडीह में दो मुर्गी शेड निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं पाया गया. कार्य योजना में हर स्तर पर गड़बड़ी की गयी है. कहा कि योजना की स्वीकृति से लेकर राशि के भुगतान तक में कई अनियमितता हुई है.

जांच के क्रम में प्रथम दृष्टया मुखिया, पंचायत सचिव, जेइ, रोजगार सेवक, वार्ड सदस्य, कंप्यूटर ऑपरेटर और भेंडर प्रगति इंटरप्राइजेज की संलिप्तता अवैध निकासी मामले में पायी गयी है. जांच के दौरान कनीय अभियंता मेहताब आलम, मुखिया विकास राम, पंचायत सचिव मो अजीम, रोजगार सेवक मो जमालुद्दीन, लाभुक समसुद्दीन अंसारी, साजिया खातून समेत कई लोग मौजूद थे.

क्या है मामला

गांडेय प्रखंड की बडकीटांड पंचायत के पांडेयडीह टोला सितलाटांड़ में वर्ष 2018-19 में शमशुद्दीन अंसारी व साजिया खातून के नाम से मनरेगा के तहत मुर्गी शेड स्वीकृत हुआ. समसुद्दीन अंसारी का मुर्गी शेड बना भी नही और मुर्गी शेड के नाम से मैटेरियल के रूप में 53 हजार व मजदूरी के रूप में 19 हजार रुपये की निकाशी कर ली गयी. इसी तरह साजिया खातून के नाम से भी मुर्गी शेड नहीं बना और मैटेरियल मद में 54 हजार व मजदूरी मद में 10 हजार की निकाशी हो गयी है.

जोड़े हाथ-कहा गलती हुई है, शेड बना देंगे

मामले की जांच के लिए पहुंचे डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार व प्रखंड स्तरीय जांच टीम के समक्ष मुखिया, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक ने अपनी गलती स्वीकार की.इस क्रम में सभी ने एक सप्ताह में लाभुक का मुर्गी शेड बनाकर पूरा करने की बात कही. हालांकि डीआरडीए निदेशक ने मामला संगीन बताते हुए वरीय पदाधिकारी को रिपोर्ट सौंपने की बात कही.

सुबह से शुरू हो गया था निर्माण

इधर, बिचौलिया व लाभुक के मुर्गी शेड निर्माण में गुरूवार को सुबह से ही जुट गये थे. कार्य स्थल पर ईंट, बालू डंप कर नींव की खुदाई शुरू कर दी गयी. सूत्रों की माने तो सभी प्राथमिकी दर्ज होने से पहले शेड निर्माण करने की फिराक में हैं.

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