कोडरमा : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लगाये गये लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कोडरमा जिला (Koderma District) के तिलैया (Tilaiya) थाना क्षेत्र के इंदरवा (Inderwa) में शादी समारोह (Marriage Ceremony) वर-वधू पक्ष पर भारी पड़ गया. दूल्हा-दुल्हन (Bride-Groom) सहित 50 लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है.
बताया जाता है कि सूर्य मंदिर में इंदरवा के सूरज यादव पिता उपेंद्र यादव व डोमचांच के मधुबन की डॉली कुमारी पिता सुरेश यादव परिणय सूत्र में बंधने ही वाले थे कि पुलिस पहुंच गयी. पुलिस की गाड़ी को देखते ही कई बाराती भाग खड़े हुए. पुलिस ने इस संबंध में दूल्हा-दुल्हन सहित 50 लोगों पर केस दर्ज किया है.
दरअसल, लॉक डाउन के कारण बगैर अनुमति किसी भी समारोह के आयोजन पर पूरी तरह से रोक है. किसी शादी समारोह में 20 से ज्यादा लोगों के जुटने की अनुमति नहीं है. बावजूद इसके, इंदरवा सूर्य मंदिर में 50 से ज्यादा लोग जमा थे और वर-वधू पक्ष के अलावा कुछ बाराती भी लॉकडाउन में होने वाली इस शादी का गवाह बनने पहुंचे थे.
सूचना पर पुलिस मंदिर पहुंची, तो कई लोग भाग गये. पुलिस ने दोनों पक्षों से वैध कागजात की मांग की, तो वर पक्ष की ओर से बीडीओ को दिया गया आवेदन ही दिखाया गया, जबकि इस आवेदन के आलोक में बीडीओ से शादी समारोह की अनुमति नहीं मिली थी.
थाना में एएसआई विकेश कुमार के बयान पर कांड संख्या 67/20 दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि 5 मई 2020 को मैं दिवा गश्ती में सशस्त्र बल के साथ भ्रमणशील था. करीब 3 बजे सूचना मिली कि छठ तालाब इंदरवा बस्ती में कोविड-19 के गाइडलाइन का उल्लंघन कर शादी हो रही है.
उन्होंने आगे कहा है कि वहां पहुंचे, तो देखा कि शादी में करीब 50 लोगों की भीड़ जमा है. पुलिस की गाड़ी देखकर ये लोग भागने लगे. शादी में शामिल लड़का पक्ष के कुछ लोग वहां मौजूद रहे. इनके पास वैध अनुमति पत्र भी नहीं मिला.
एएसआई ने आगे कहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए शादी में शामिल होना नियम विरुद्ध है. इससे कोविड-19 जैसी घातक जानलेवा बीमारी का संकट बढ़ने का खतरा है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने 10 नामजद के अलावा 40 अज्ञात लोगों पर आइपीसी की धारा 188, 270 व आपदा प्रबंधन अधिनियम 51 ख के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.
लॉकडाउन के बीच बगैर अनुमति किसी भी तरह के समारोह के आयोजन की पूर्ण रूप से मनाही है, वहीं शादी समारोह को लेकर लॉकडाउन-2 में महज 20 लोगों के ही जुटने की अनुमति दी गई थी. इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना जरूरी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन-3 को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन में यह संख्या 20 से बढ़ाकर 50 की गई है, पर झारखंड सरकार ने वर्तमान में लॉकडाउन-2 के ही नियमों को लागू रखा है. ऐसे में शादी समारोह का आयोजन एक मापंदड के तहत वर व वधू पक्ष के लोग अपने घर पर ही कर सकते हैं. किसी भी परिस्थिति में सार्वजनिक जगह पर आयोजन नहीं करना है. इस मामले में इन नियमों का पालन नहीं हुआ. बताया जाता है कि वधू पक्ष की तरफ से दुल्हन के पिता ने डोमचांच बीडीओ को दो मई को आवेदन देकर पांच तारीख को ध्वजाधारी धाम में शादी रचाने को लेकर अनुमति मांगी थी, जिसे चार मई को बीडीओ ने जिला स्तर पर अपर समाहर्ता को फॉरवर्ड किया था. एसी अनिल तिर्की के अनुसार चूंकि आवेदन में ध्वजाधारी धाम का जिक्र था, इसलिए इसे अस्वीकृत करते हुए दूसरा आवेदन देने को कहा गया था, पर मिला नहीं. ऐसे में अनुमति नहीं दी गई थी.
दूल्हे की मां सुनीता देवी ने बताया कि शादी की तारीख लॉकडाउन की वजह से दो बार टल चुकी थी. दिसंबर में तिलक हुआ था, पहले 26 अप्रैल को शादी निर्धारित थी, पर इसे बदलकर तीन मई किया गया, लेकिन फिर से लॉकडाउन बढ़ने के कारण हम लोगों ने नियमानुसार शादी कराने की सोची. शादी कार्यक्रम में हम सभी परिवार के मात्र 15 लोग ही थे. चूंकि गांव के मंदिर में शादी हो रही थी तो वहां कुछ लोग पहुंच गए. पुलिस प्रशासन को इस बात को समझना चाहिए.
बिना अनुमति विवाह के इस मामले में दूल्हा सूरज यादव (23) पिता उपेंद्र यादव निवासी इंदरवा बस्ती वार्ड नंबर 5 के साथ दुल्हन डॉली कुमारी (20) पिता सुरेश यादव निवासी मधुबन डोमचांच के अलावा शादी कराने वाले पंडित बबूलाल पांडेय पिता स्व राजेश्वर पांडेय निवासी इंदरवा बस्ती को भी आरोपी बनाया गया है.
इसके साथ ही लड़का पक्ष से उसकी मां सुनीता देवी पति उपेंद्र यादव, राजेश यादव उर्फ लल्लू पिता स्व रामलखन यादव सभी इंदरवा बस्ती, लड़की पक्ष से दुल्हन के पिता सुरेश यादव पिता भीखन यादव, धनेश्वर यादव पिता भीखन यादव, बालेश्वर यादव, भीखन यादव, अजय यादव पिता सुरेश यादव सभी मधुबन डोमचांच, मोहन दास पिता स्व जगदीश दास निवासी तिलिया बस्ती व 40 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है.