कोलकाता/नयी दिल्ली : बंगाल चुनाव से पहले मवेशी तस्करी एवं अवैध कोयला खनन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के विश्वस्त करीबी नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा के खिलाफ लुक आऊट नोटिस जारी किया है.
अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही मामलों में विनय मिश्रा एवं उनके भाई की भूमिका पर जांच एजेंसी की नजर है. विनय मिश्रा के विरुद्ध मवेशी तस्करी मामले में आरोपपत्र भी दायर किया जा चुका है. सीबीआइ उनके विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने के लिए इंटरपोल से संपर्क करने का भी विचार कर रही है.
अधिकारियों ने बताया कि लुकआउट नोटिस के तहत सभी बंदरगाहों/ हवाई अड्डों को संदिग्ध की आवाजाही पर नजर रखने तथा उसके भागने का प्रयास करने पर उसे पकड़ लेने को कहा जाता है.
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अधिकारियों ने बताया कि विकास मिश्रा के विरुद्ध हाल ही में अवैध कोयला खनन मामले में लुकआऊट नोटिस जारी किया गया, जबकि मवेशी तस्करी मामले में पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में पश्चिम बंगाल में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों (पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक) को भी सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया है.
उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने मवेशी तस्करी मामले में फरवरी में अपना पूरक आरोपपत्र दायर करके विनय मिश्रा को सह आरोपी बनाया था. विनय मिश्रा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीब समझे जाते हैं.
अपने आरोपपत्र में एजेंसी पहले ही दर्शा चुकी है कि विनय मिश्रा फरार चल रहे हैं. सीबीआई ने 18 फरवरी को इस मामले में पश्चिम बंगाल के आसनसोल में विशेष सीबीआइ अदालत में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कमांडेंट सतीश कुमार एवं छह अन्य के खिलाफ भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी में कथित रूप से संलिप्त रहने को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया था.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा एवं उनकी (पत्नी की) बहन मेनका गंभीर से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में अवैध कोयला खानों से कोयले की चोरी से जुड़े अन्य मामले में पूछताछ की है. पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल तक आठ चरणों में विधानसभा चुनाव है और भाजपा जीत की जी-तोड़ कोशिश कर रही है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार बंगाल में चुनाव से पहले उनकी पार्टी को डराने के लिए सीबीआइ और इडी का इस्तेमाल करती है. लेकिन, वे डरने वाले नहीं हैं. केंद्र की मोदी सरकार के आगे नहीं झुकेंगे. बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 8 चरणों में चुनाव कराये जा रहे हैं. 2 मई को चुनाव परिणाम घोषित होंगे.
Posted By : Mithilesh Jha