केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में सोमवार को अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में कथित तौर पर छेड़छाड़ के आरोप में पार्थ सेन नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया. हाल में सीबीआइ अधिकारियों की टीम ने पार्थ सेन के घर की तलाशी ली थी. छापे में मिले दस्तावेजों के आधार पर सोमवार को पार्थ सेन को सीबीआइ कार्यालय में तलब किया गया था. पार्थ सोमवार को निर्धारित समय पर सीबीआइ दफ्तर पहुंचे. सवालों के जवाब में विसंगतियां मिलने पर सीबीआइ अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला लिया. सीबीआइ के मुताबिक, जांच में पता चला है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए ली जानेवाली परीक्षा के लिए ओएमआर शीट तैयार करने की जिम्मेदारी ”एस बसु रॉय एंड कंपनी” को दी गयी थी. भर्ती भ्रष्टाचार की जांच में यह कंपनी सवालों के घेरे में आ गयी. हावड़ा निवासी पार्थ सेन इस कंपनी के अधिकारी बताये गये हैं. वह इस कंपनी में प्रोग्रामिंग ऑफिसर के रूप में काम कर रहे थे.
एस बसु रॉय एंड कंपनी की वैधता पर उठ चुके हैं सवाल
सीबीआइ को आशंका है कि आरोपी पार्थ सेन प्राथमिक शिक्षक भर्ती की ओएमआर शीट में छेड़छाड़ के मामले में शामिल था. इससे पहले कलकत्ता हाइकोर्ट ने एस बसु रॉय एंड कंपनी की वैधता पर सवाल उठा चुका है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद इडी और सीबीआइ ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच तेज की थी. राज्यभर में इस कंपनी के कई ठिकानों पर तलाशी ली गयी. सीबीआइ ने कंपनी के कार्यालयों, गोदामों, प्रबंधकों और कर्मचारियों के घरों की भी तलाशी ली.
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कौशिक माझी से पूछताछ में सामने आया था नाम
इसके बाद सीबीआइ ने कंपनी के प्रमुख कौशिक माझी से निजाम पैलेस स्थित जांच एजेंसी के दफ्तर में ओएमआर शीट के बारे में पूछताछ की. यहीं से पार्थ सेन का नाम सामने आया था. जिसके बाद सोमवार को पार्थ सेन को पूछताछ के लिए निजाम पैलेस में बुलाया गया था. सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन माणिक भट्टाचार्य के साथ पार्थ सेन का कोई संपर्क था या नहीं, इस बारे में पूछताछ की जायेगी. सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि अभी कुछ और नाम सामने आ सकते हैं.