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CBI ने ईसीएल के एक और पूर्व महाप्रबंधक को किया गिरफ्तार, अवैध कोयला खनन व तस्करी का मामला

सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच के अधिकारियों ने लगभग चार घंटे तक उनसे पूछताछ की. उनके बयान में गड़बड़ी मिलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मुखोपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में गिरफ्तार होने वाले ईसीएल के पूर्व व मौजूदा अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 8 हो गयी है.

पश्चिम बंगाल में हुए अवैध कोयला खनन व तस्करी (Illegal Coal Mining and Smuggling) के मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) पांडवेश्वर क्षेत्र के एक और पूर्व महाप्रबंधक को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम सुभाष कुमार मुखोपाध्याय (Subhas Mukhopadhyay Arrest) है. शुक्रवार को मुखोपाध्याय को यहां सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया गया था. वह सुबह ही कार्यालय पहुंचे थे.

एंटी करप्शन ब्रांच के अफसरों ने चार घंटे की पूछताछ

सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच के अधिकारियों ने लगभग चार घंटे तक उनसे पूछताछ की. उनके बयान में गड़बड़ी मिलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मुखोपाध्याय की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में गिरफ्तार होने वाले ईसीएल के पूर्व व मौजूदा अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 8 हो गयी है.

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इन लोगों को किया गया गिरफ्तार

गत बुधवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में इसीएल (सातग्राम क्षेत्र) के महाप्रबंधक सुभाष चंद्र मोइत्रा, ईसीएल (सातग्राम क्षेत्र) के पूर्व महाप्रबंधक अभिजीत मल्लिक (सेवानिवृत्त), ईसीएल (सातग्राम क्षेत्र) के पूर्व महाप्रबंधक सुशांत बनर्जी (सेवानिवृत्त), ईसीएल के पूर्व सुरक्षा प्रमुख व सिंगरौली एमसीएल के पूर्व सुरक्षा महाप्रबंधक तन्मय दास (सेवानिवृत्त), झांझरा क्षेत्र में ईसीएल के सुरक्षा निरीक्षक देवाशीष मुखर्जी, ईसीएल कल्ला अस्पताल में तैनात सुरक्षा प्रबंधक मुकेश कुमार और एमसीएल संबलपुर के सुरक्षा निरीक्षक रिंकू बेहरा को गिरफ्तार किया था.

अफसरों को लाला से मिलती थी मोटी रकम

सूत्रों के अनुसार, यह बात सामने आ रही है कि आरोपियों से पूछताछ में सीबीआई को यह पता चला है कि अवैध कोयला खनन व तस्करी के प्रमुख आरोपी अनूप माजी उर्फ लाला से ईसीएल के गिरफ्तार पूर्व व मौजूदा अधिकारियों को मोटी रकम मिली थी. आशंका जतायी गयी है कि अवैध खनन को लेकर कोई अधिकारी कहीं शिकायत नहीं करें, इसके लिए उन्हें रिश्वत दी गयी.

लाला से मिले रुपयों से खरीदी गयी अचल संपत्तियां

यह बात भी सामने आ रही है कि लाला से मिले रुपये में ज्यादातर हिस्से से अचल संपत्तियां खरीदी गयीं. हालांकि, सीबीआई के अधिकारी इन संपत्तियों का ब्योरा जुटाने में लगे हैं. इधर, सीबीआई की जांच की रडार में ईसीएल के पूर्व व मौजूदा अधिकारी भी हैं, जिन्हें सीबीआई के अधिकारी जल्द पूछताछ करेंगे.

27 नवंबर 2020 को सीबीआई ने शुरू की थी जांच

ईसीएल की लीज होल्ड माइंस में कोल माफिया द्वारा अवैध रूप से खुदाई करने और कोयला चोरी करने के आरोप में सीबीआई ने 27 नवंबर, 2020 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की, जिसमें लाला के अलावा ईसीएल कुनुस्तोरिया क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक अमित कुमार धर, ईसीएल के काजोरा क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक जयेश चंद्र राय, तन्मय दास, धनंजय राय और देवाशीष मुखर्जी नामजद आरोपी हैं.

ईसीएल के 8 अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार

हालांकि, इस मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और भारतीय रेलवे के अज्ञात अधिकारियों व अन्य कुछ लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. सीबीआई को पता चला था कि ईसीएल की दो लीज होल्ड कोल माइंस में अवैध खनन का कार्य बड़े पैमाने पर हो रहा है. इस बाबत सीबीआई ने तथ्य जुटाने शुरू कर दिये, जिसमें पता चला कि इस मामले में कुछ सरकारी अफसर भी कोल माफिया को मदद पहुंचा रहे हैं. जांच में मिले तथ्यों के बाद ईसीएल के आठ पूर्व व मौजूदा अधिकारियों व कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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