बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : CBI ने टीएमसी विधायक जीबन कृष्णा साहा को किया गिरफ्तार, छापेमारी में मिले सबूत
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी विधायक जीबन कृष्णा साहा को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले उनके आवास पर छापेमारी की गई थी. छापेमारी के दौरान सीबीआई को कई सबूत मिले. टीएमसी विधायक से लंबी पूछताछ भी हुई है.
Bengal Teacher Recruitment Scam Case: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक जीबन कृष्णा साहा को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले सीबीआई ने टीएमसी विधायक जीबन कृष्ण साहा के ठिकाने पर छापेमारी भी की थी.
टीएमसी विधायकों के ठिकानों पर छापेमारी
मालूम हो कि केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अपनी जांच तेज कर दी है. बीते शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने टीएमसी विधायकों के घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान बीरभूम, मुर्शिदाबाद और कोलकाता में टीएमसी विधायक जीबन कृष्ण साहा के ठिकानों पर सीबीआई ने तलाशी ली थी. बुरवान निर्वाचन क्षेत्र के एक विधायक के आवास सहित सीबीआई ने उसके छह ठिकानों में भी छापेमारी की है.
छापेमारी में मिले कई सबूत
आरोप है कि कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए पहली एसएलएसटी 2016 की भर्ती प्रक्रिया में टीएमसी विधायकों ने शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर उम्मीदवारों से पैसे वसूले हैं. छापेमारी के दौरान, प्राथमिक और उच्च शिक्षक भर्ती सहित कई आपत्तिजनक सामग्री, उम्मीदवारों की सूची वाले दस्तावेज और राशि बरामद की गई। मामले में आगे की जांच की जा रही है.
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क्या है पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला
बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामला साल 2014 का है. दरअसल, पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली निकाली थी. इसके लिए भर्ती प्रक्रिया साल 2016 में शुरू हुई थी. उस समय बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी थे. इस भर्ती में गड़बड़ी की कई शिकायतें कलकत्ता हाईकोर्ट में दर्ज हुई थीं.
मामले को लेकर ईडी जांच चली. जिसमें ईडी ने करोड़ों के घोटाले का दावा किया. अपनी जांच में ईडी ने कई खुलासे किए. ईडी ने दावा किया कि 2012 से 2022 तक महज प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ही 500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है. मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी गिरफ्तार भी हुए.