केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस विधायक जीवन कृष्ण साहा को सोमवार को गिरफ्तार किया. कोर्ट के आदेश पर साहा अभी सीबीआइ हिरासत में हैं. जांच एजेंसी के अधिकारी आरोपी विधायक से पूछताछ कर घोटाले की परतें खोलने में जुटे हुए हैं. सीबीआइ के मुताबिक, आरोपी विधायक ने अवैध तरीके से नौकरी देने के नाम पर लोगों से 300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है.
सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि विधायक व उनकी पत्नी के नाम पर कुल 12 बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है. इसमें बीरभूम स्थित एक प्राइवेट बैंक में खुला अकाउंट भी शामिल है. अन्य अकाउंट मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न बैंकों में होने की जानकारी मिली है. विधायक व उनकी पत्नी के नाम पर खुले अकाउंट में एक करोड़ 12 लाख 98 हजार 630 रुपये होने की जानकारी मिली है. इसके अलावा विधायक एवं उनकी पत्नी के नाम पर बीरभूम एवं राज्य के विभिन्न इलाकों में मौजूद करोड़ों की प्रॉपर्टी होने का भी पता चला है.
सभी अकाउंट में मौजूद रुपये फ्रीज कर अकाउंट से लेन-देन बंद रखा गया है. सीबीआइ को बीरभूम जिले के सैंथिया स्थित तालतार तातारपुर बांधगोडा में जीवन कृष्ण साहा के नाम पर कई संपत्तियां होने की जानकारी मिली है. इन सभी संपत्तियों की मौजूदा बाजार कीमत 10 से 11 करोड़ रुपये आंकी गयी है. सीबीआइ की तरफ से इन सभी बैंकों के अधिकारियों से इन 12 बैंक खातों में होनेवाले लेन-देन से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी है. ताकि यह पता चल सके कि इन अकाउंट में रुपये कहां से आते थे, अबतक कितने रुपये आये हैं और इन खातों से रुपये कहां किन अकाउंट में भेजे जाते थे.
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जांच अधिकारियों का दावा है कि साहा न सिर्फ भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार में शामिल हैं, बल्कि मवेशी तस्करी में भी वह संदिग्ध हैं. तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की तलाश में जब सीबीआइ बीरभूम में साक्ष्य जुटाने गयी तो तृणमूल के इस विधायक का नाम मवेशी तस्करी से जुड़े दस्तावेज में कथित तौर पर मिले थे.
सीबीआइ ने संबंधित बैंकों के अधिकारियों से इन अकाउंट से हुए लेन-देन के बारे में मांगी विस्तृत जानकारी. दंपती के नाम पर राज्य के विभिन्न जगहों पर करोड़ों की प्रॉपर्टी होने का भी मिला सुराग
शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार विधायक जीवन कृष्ण साहा के मुर्शिदाबाद स्थित आवास से मोबाइल, पेन ड्राइव जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण जब्त किये गये हैं. जांचकर्ताओं का मानना है कि 3,000 से अधिक अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले पैसे की वसूली की गयी है. सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी को पता चला है कि एक-एक अभ्यर्थी से छह लाख से 15 लाख तक की राशि वसूली गयी.