नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिला रक्षा कवच

जज ने कहा कि पता चला है कि जेल हिरासत में बंद एक आरोपी की शिकायत पर सीबीआई की विशेष अदालत के एक जज ने मामले में कोलकाता पुलिस को जोड़ा है. उन्हें यह अधिकार किसने दिया? इस एसआईटी का गठन हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ है, निचली अदालत इसके काम में दखल क्यों देगी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2023 11:45 AM
an image

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रही सीबीआई विशेष टीम (एसआईटी) के सदस्यों को बड़ी राहत दी. न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि एसआईटी के किसी भी सदस्य को राज्य पुलिस किसी भी तरह से परेशान नहीं करेगी. न केवल राज्य पुलिस, बल्कि बंगाल की कोई भी एजेंसी परेशान नहीं कर सकती. कलकत्ता हाईकोर्ट ने भर्ती भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित सीबीआई एसआईटी के अधिकारियों को विशेष सुरक्षा प्रदान की. न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने बुधवार को आदेश दिया कि कोलकाता पुलिस या राज्य की कोई भी संस्था उन्हें परेशान नहीं कर सकती. यहां तक कि इस न्यायालय की अनुमति के बिना एसआईटी के प्रमुख या किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है और न ही उनके खिलाफ कहीं भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की जा सकेगी. साथ ही न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि निचली अदालत इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती.

हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ एसआईटी का गठन

जज ने कहा कि पता चला है कि जेल हिरासत में बंद एक आरोपी की शिकायत पर सीबीआई की विशेष अदालत के एक जज ने मामले में कोलकाता पुलिस को जोड़ा है. उन्हें यह अधिकार किसने दिया? इस एसआईटी का गठन हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ है, निचली अदालत इसके काम में दखल क्यों देगी. इसके बाद ही न्यायाधीश ने अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान की. साथ ही न्यायाधीश ने पूछा कि अब तक अलीपुर के विशेष सीबीआई अदालत के जज का तबादला क्यों नहीं हुआ. न्यायाधीश ने इस संबंध में जानकारी लेने के लिए राज्य के कानून मंत्री को अदालत में तलब किया.

न्यायाधीश के समन पर अदालत में पहुंचे कानून मंत्री मलय घटना

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के कानून विभाग के सचिव ने अदालत में बताया कि अलीपुर के जज के तबादले से संबंधित फाइल को 25 अगस्त को ही मंत्री के पास भेज दिया गया था. लेकिन अब तक इस पर हस्ताक्षर नहीं हुआ है. इसके बाद ही न्यायाधीश ने कानून मंत्री मलय घटक को तलब किया और वह शाम पांच बजे के करीब हाइकोर्ट पहुंचे. हाइकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने कानून मंत्री से पूछा कि अब तक फाइल पर हस्ताक्षर क्यों नहीं हुआ.

Also Read: बंगाल में पुलिस कांस्टेबल पद पर नियुक्ति के लिए बने नए पैनल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने किया खारिज

6 अक्टूबर तक जज के तबादले की प्रक्रिया शुरू

इस पर कानून मंत्री ने कहा कि वह बीमार थे और चार दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. साथ ही उन्होंने अदालत को बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें अभी और 15 दिन आराम करने का परामर्श दिया है, इसलिए उन्होंने अदालत से समय की मांग की. इसके बाद ही न्यायाधीश ने मंत्री से छह अक्टूबर तक जज के तबादले की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया.

Also Read: बंगाल : ग्रुप डी भर्ती मामले में आरोपी प्रसन्ना को जमानत देने से हाईकोर्ट का इंकार

Exit mobile version