कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है और इन मामलों में सीबीआई ने हाईकोर्ट में बड़ा बयान दिया. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की तुलना करते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार मामला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से भी बड़ा है. इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने अपने अंदाज में कहा कि तब तो इसे गिराना होगा. मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने भी अपनी टिप्पणी में कहा कि और कितने दिन? फिर मैं भी चला जाऊंगा. लेकिन जाने से पहले मैं कुछ करके जाऊंगा.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की बेंच में भर्ती से जुड़े एक मामले की सुनवाई हो रही थी. न्यायाधीश ने मामले की जांच कर रही सीबीआई से टेट 2014 की ओएमआर शीट की जानकारी जाननी चाही. इस संबंध में न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने सीबीआई को 11 सितंबर को दोपहर तीन बजे तक सारी जानकारी सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा है. गौरतलब है कि पिछले डेढ़ वर्ष में राज्य में शिक्षक, स्वास्थ्य, नगरपालिका समेत विभिन्न विभागों में हुई नियुक्तियों में एक के बाद एक भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. पहले जांच एजेंसी ने इसे भ्रष्टाचार का पहाड़ कहा था, लेकिन इस बार सीबीआई ने इस कथित भ्रष्टाचार को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर जैसा विशाल कहा है.
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सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि वह 11 सितंबर को इसे लेकर पक्का सबूत पेश करेगी. न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की पीठ में केंद्रीय एजेंसी द्वारा यह बात कहे जाने के बाद से अटकलें तेज हो गयी हैं. सवाल खड़ा हो गया है कि अब कौन-सा भ्रष्टाचार उजागर होगा? वर्ल्ड ट्रेड सेंटर अमेरिका के न्यूयार्क सिटी में बना हुआ था, जो 11 सितंबर को आतंकवादी हमले में ध्वस्त हो गया था. उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2014 में हुई टेट परीक्षा की ओएमआर शीट से जुड़े एक मामले की सुनवाई मंगलवार को हो रही थी.
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दक्षिण 24 परगना के जयनगर में अवैध निर्माण रोकने के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट के एक वकील को प्रताड़ित किया गया. इसे लेकर अधिवक्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने मामले की सीआईडी जांच का आदेश दिया है. गौरतलब है कि दक्षिण 24 परगना के जयनगर में एक खेती की जमीन पर अवैध निर्माण चल रहा था. वकील शुकदेव सरकार ने उस काम को रोका था. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें लीं, तो उस वक्त कुछ लोगों ने उनको लोहे की छड़ से पीटा था. जब वह इसकी शिकायत करने जयनगर थाने में पहुंचे, तो उन्हें दो घंटे तक रोक कर रखा गया.
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मंगलवार को न्यायाधीश ने कहा कि कथित तौर पर लोगों के एक समूह ने उन्हें लोहे की छड़ों से पीटा था, लेकिन इसके बाद भी आरोपियों के खिलाफ जमानती धारा के तहत मामला क्यों दर्ज है? पीड़ित को एफआइआर कॉपी क्यों नहीं दी गयी? सुनवाई के बाद जज ने आदेश दिया कि उस दिन के जयनगर थाने के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाये. जिस स्थान पर घटना हुई थी, उसके आसपास यदि सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है, तो उस फुटेज को जांच में जोड़ना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच सीआईडी करेगी और जांच में डीआइजी रैंक का एक अधिकारी शामिल होगा. साथ ही दो सशस्त्र पुलिसकर्मी स्थायी रूप से वकील के घर की सुरक्षा करेंगे. सीआईडी 27 सितंबर को जांच की प्रगति पर रिपोर्ट देगी.