नगरपालिका भर्ती भ्रष्टाचार मामले में दमकल मंत्री सुजीत बोस को 31 अगस्त को सीबीआई ने किया तलब

हाल ही में सीबीआई ने नगरपालिका भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिये कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था. दावा है कि कई दस्तावेज भी बरामद किये गये थे. जांच एजेंसी के मुताबिक उस दस्तावेज के आधार पर सुजीत को समन भेजा जाएगा

By Shinki Singh | August 24, 2023 12:05 PM

पश्चिम बंगाल में नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस को पूछताछ के लिए तलब किया है. मंत्री को स्पीड पोस्ट के जरिये पत्र भेजकर 31 अगस्त को पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के निजाम पैलेस स्थित कार्यालय में सुबह 11 बजे उपस्थित होने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की पीठ ने नगर निकायों की नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिये थे. फिलहाल सीबीआई की ओर जांच शुरु कर दी गई है.

सीबीआई नगरपालिका भर्ती घोटाले में चलाया था अभियान

हाल ही में सीबीआई ने नगरपालिका भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिये कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था. दावा है कि कई दस्तावेज भी बरामद किये गये थे. जांच एजेंसी के मुताबिक उस दस्तावेज के आधार पर सुजीत को समन भेजा जाएगा. 2016 में सुजीत दक्षिण दमदम नगर पालिका के उप प्रमुख थे. सीबीआई का मानना ​​है कि उस वक्त नियुक्ति में भ्रष्टाचार हुआ था. उन्हें पूछताछ के लिए 31 अगस्त को सुबह 11 बजे निजाम पैलेस में बुलाया गया है.

Also Read: सीबीआई की 7 सदस्यीय टीम पहुंची साहिबगंज, अवैध खनन व ईडी गवाह विजय हांसदा मामले में करेगी पूछताछ
ईडी ने 19 मार्च को भर्ती मामले में अयान शील को किया था गिरफ्तार

ईडी ने 19 मार्च को भर्ती मामले में अयान शील को गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि साल्टलेक में अयान के कार्यालय की तलाशी में राज्य की कई नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों के लिए नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिकाएं) मिली हैं. ईडी सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि पूछताछ के दौरान अयान ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने विभिन्न नगर पालिकाओं में नौकरी दिलाने के बदले कुल 200 करोड़ रुपये लिए थे.

Also Read: मोहम्मडन स्पोर्टिंग को आइएसएल में खेलने की अनुमति क्यों नहीं – ममता
नगर पालिकाओं में नौकरी दिलाने के बदले लिए गये थे  200 करोड़ रुपये

इसके बाद नगरपालिका में नियुक्ति भ्रष्टाचार उजागर हुआ. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने नगर पालिका की नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया. राज्य सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. लेकिन शीर्ष अदालत ने राज्य की याचिका खारिज कर दी. नगर पालिका की नियुक्ति की सीबीआई जांच के जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश को बरकरार रखा गया है.

Also Read: शुभेंदु का ममता पर हमला, मुख्यमंत्री नहीं चाहती है किसी की नौकरी हो और केंद्र की योजनाओं को चुराना TMC की आदत
पूछताछ के दौरान सीबीआई का करेंगे सहयोग

दमकल मंत्री सुजीत बोस ने कहा है कि वह पूछताछ के लिये निजाम पैलेस जाएंगे और सीबीआई का हर तरह से सहयोग करेंगे. उनका कहना है कि मामले से जुड़ी जो भी जानकारी उनके पास उपलब्ध है वह सीबीआई को जरुर देंगे.

Also Read: कलकत्ता हाइकोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के भाजपा नेताओं के घर का घेराव कार्यक्रम किया रद्द
नगरपालिका मामले का ईडी और सीबीआई जांच रहेगा जारी

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत इस बात से संतुष्ट है कि शिक्षक भर्ती घोटाले और नगर पालिका भर्ती घोटाले के बीच एक संबंध प्रतीत होता है. मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में हुए इस मामले से अभिषेक बनर्जी का कोई संपर्क नहीं है. यह मामला राज्य सरकार के साथ जुड़ा हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज किया था, जिसका अभिषेक बनर्जी से किसी प्रकार का लेना-देना नहीं है.

Also Read: मोहम्मडन स्पोर्टिंग को आइएसएल में खेलने की अनुमति क्यों नहीं – ममता
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश की वैधता को चुनौती दी थी राज्य सरकार ने

राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 15 जून 2023 के आदेश की वैधता को चुनौती दी, जिसमें एकल पीठ द्वारा नगरपालिका भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा गया था. केंद्रीय जांच एजेंसियों का आरोप है यह घोटाला 200-250 करोड़ रुपये का हैं, क्योंकि नगरपालिकाओं में भर्ती के लिए प्रत्येक पद के लिए रिश्वत की रकम तय की गयी थी. भर्तियों में अनियमितता का यह मामला विभिन्न नगर पालिकाओं में क्लर्क, सफाई कर्मचारी, चपरासी, ड्राइवर आदि से संबंधित था.

Also Read: मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का बिल लायी मोदी सरकार, ममता बनर्जी बोलीं- माई लॉर्ड ! देश को बचाइए

Next Article

Exit mobile version