बीरभूम/पानागढ़: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बागटुई गांव में गत सोमवार को 8 लोगों को जिंदा जलाये जाने की घटना की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ प्लाटून की मांग की है. हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने बागटुई गांव में हुए नरसंहार की जांच शुरू की है.
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है. इसलिए सीआरपीएफ के एक प्लाटून, जिनमें 30 सशस्त्र सीआरपीएफ के जवान होते हैं, की मांग की है. सीबीआई के अस्थायी कैंप समेत टीम के मूवमेंट के समय भी सीआरपीएफ के सशस्त्र जवान मौजूद रहेंगे.
शनिवार के बाद रविवार की सुबह भी सीबीआई के अधिकारियों ने रामपुरहाट के बागटुई गांव का दौरा किया. केंद्रीय फॉरेंसिक टीम ने भी एक बार फिर गांव का दौरा किया. मौके से सैंपल एकत्र किये गये. सीबीआई अधिकारियों ने रामपुरहाट थाने की पुलिस से भी मुलाकात की. विभिन्न दस्तावेज सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
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इस बीच, अनारुल हुसैन समेत 11 लोगों को रिमांड पर लिया गया है. इनसे पूछताछ की जा रही है. रामपुरहाट अनुमंडल अदालत ने आरोपियो को छह अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में रखने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी रविवार को हिरासत में लिये गये आरोपियों से पूछताछ कर सकती है.
रामपुरहाट के सरकारी गेस्ट हाउस में सीबीआई का अस्थायी कैंप बनाया गया है. सूत्रों ने बताया कि आज यहां गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा सकती है. धृत आरोपियों का बयान भी दर्ज किया जायेगा. बतासपुर जा रहे सीबीआई अधिकारी बागटुई मामले में जान गंवाने वाले परिजनों से भी मुलाकात करेंगे. विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि इस बीच बागटुई मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है.
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सीआरपीएफ केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया करायेगी, न कि राज्य पुलिस. सीबीआई के साथ 35 सीआरपीएफ जवान मुश्तैद रहेंगे. सीबीआई अधिकारी जहां भी जांच के लिए जायेंगे, उनके साथ सीआरपीएफ के जवान भी होंगे. सीआरपीएफ सीबीआई के सरकारी अस्थायी कैंप में भी मौजूद रहेगी, जहां सीबीआई के अधिकारी ठहरे हुए हैं.
रिपोर्ट- मुकेश तिवारी