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Dhanbad News: बीसीसीएल कर्मी को सीबीआई ने तीन दिनों की रिमांड पर लिया

अदालत ने सीबीआइ को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में देने का आदेश दिया. इसके बाद सीबीआइ भीम बाउरी को लेकर अपने साथ निकल गयी. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ को यह जानकारी मिली है कि भीम बाउरी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है.

बीसीसीएल के महुदा वाशरी के रिटायर्ड कर्मी रविलाल हांसदा से 25 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचे गये भाटडीह गुल बाजार निवासी बीसीसीएल कर्मी भीम बाउरी को सीबीआइ ने पूछताछ के लिए तीन दिनों की हिरासत में लिया है. शुक्रवार को दोपहर सीबीआइ की टीम भीम को लेकर अदालत पहुंची. धनबाद सीबीआइ के प्रभारी विशेष न्यायाधीश की अदालत में सीबीआइ के अधिकारी ने भीम बाउरी से पूछताछ के लिए तीन दिनों की पुलिस हिरासत देने की प्रार्थना अदालत से की.

अदालत ने सीबीआइ को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में देने का आदेश दिया. इसके बाद सीबीआइ भीम बाउरी को लेकर अपने साथ निकल गयी. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ को यह जानकारी मिली है कि भीम बाउरी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. गौरतलब है कि गुरुवार 16 मार्च को सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने भीम बाउरी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

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सीबीआइ ने प्राथमिकी में दावा किया है कि भीम बाउरी के खिलाफ रिटायर्ड बीसीसीएल कर्मी रविलाल हांसदा के साला विजय टुडू ने धनबाद के सीबीआइ कार्यालय में शिकायत की थी. अपनी शिकायत में विजय ने कहा कि उसके जीजा रविलाल हांसदा बीसीसीएल से रिटायर्ड होने के बाद कंपनी क्वार्टर में रहते हैं.

उक्त क्वार्टर खाली नहीं करने देने के एवज में भीम बाउरी ने 25 हजार रुपए की मांग की थी. इस संबंध में विजय ने भी भीम से कई बार अनुरोध किया. लेकिन वह नहीं माना. इसके बाद परेशान होकर विजय टुडू ने सीबीआइ से इसकी शिकायत की.

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झारखंड हाइकोर्ट में डेथ रेफरेंस के लंबित वादों के निष्पादन के लिए कमेटी गठित

झारखंड सरकार के अवर सचिव प्रदीप कुमार ने महाधिवक्ता झारखंड के अनुमोदन के बाद कार्यालय आदेश संख्या 01/अप 18/1621 रांची दिनांक 15.3.23 के तहत पत्र जारी कर झारखंड हाइकोर्ट में लंबित डेथ रेफरेंस वादों के निष्पादन के लिए एक कमेटी गठित की है. इसमें पंकज कुमार सिंह, लोक अभियोजक (अध्यक्ष) , प्रिया श्रेष्ठ , विशेष लोक अभियोजक (सदस्य), नेहाला शरमीन, विशेष लोक अभियोजक (सदस्य), विनीत कुमार वशिष्ठ, विशेष लोक अभियोजक (सदस्य), भोला नाथ ओझा, अपर लोक अभियोजक (सदस्य) नामित किया गया है. बता दे कि उक्त कमेटी के सदस्यगण झारखंड हाइकोर्ट में डेथ रेफरेंस के अद्यावधि लंबित वादों (सूची संलगन), सभी रिकार्ड से परिचित होते हुए वादों का निष्पादन सुनिश्चित करेंगे, साथ ही कार्यालय द्वारा भविष्य में डेथ रेफरेंस संबंधी सभी वाद उक्त कमेटी के सदस्यों को ही आवंटित किया जाएगा.

धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपी हुए रिहा

धनबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी एस एस तिर्की की अदालत ने शनिवार को धोखाधड़ी के एक मामले में अपना फैसला सुनाया. अदालत ने अमित कुमार सिंह व राखी चक्रवर्ती को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया है. बता दे कि सूचक राणा उदय प्रताप सिंह उर्फ पारस सिंह ने वर्ष 2016 में उक्त दोनों आरोपियों के खिलाफ धनबाद थाना में प्राथमिकी कांड संख्या 11/16 दर्ज कराया था. केस के अनुसंधानकर्ता ने अनुसंधान के उपरांत अमित कुमार सिंह व राखी चक्रवर्ती के विरुद्ध भादवि की धारा 406 / 420 /467/ 468 /471 /120B के तहत आरोप पत्र दायर किया था. परंतु अभियोजन अपने केस को न्यायालय में साबित नहीं कर सका.

यह जानकारी अमित कुमार सिंह के अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा ने दी. श्री सिन्हा ने बताया कि राणा उदय प्रताप सिंह, उर्फ पारस सिंह के विरोध मानहानि का वाद दायर करेंगे. क्योंकि अमित कुमार सिंह को साजिश के तहत जेल भेजकर उनकी प्रतिष्ठा एवं सम्मान को क्षति पहुंचायी गयी. इसमें धनबाद पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही थी. अमित कुमार सिंह ने होटल मैनेजमेंट में डिग्री प्राप्त की है व टूरिज्म में एमबीए किया है और वर्तमान में वे टूरिज्म से संबंधित व्यवसाय (धनबाद) झारखंड, उड़ीसा और दिल्ली से संचालन कर रहे हैं.

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