जर्जर क्वार्टरों में रहने को विवश हैं मजदूर, गेस्ट हाउस के सौंदर्यीकरण में हुए लाखों रुपये खर्च
सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट में मजदूरों के क्वार्टरों की स्थिति जर्जर हो गयी है. मजदूर यहां जर्जर क्वार्टर में रह रहे है. यहां कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है. क्वार्टरों के पीछे पेड़, पौधे व झाड़ी उग आये है. जबकि प्रबंधन द्वारा इसकी अनदेखी कर अतिथि गृह के सुंदरीकरण में लाखों रुपये खर्च कर रही है.
रजरप्पा : सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट में मजदूरों के क्वार्टरों की स्थिति जर्जर हो गयी है. मजदूर यहां जर्जर क्वार्टर में रह रहे है. यहां कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है. क्वार्टरों के पीछे पेड़, पौधे व झाड़ी उग आये है. जबकि प्रबंधन द्वारा इसकी अनदेखी कर अतिथि गृह के सुंदरीकरण में लाखों रुपये खर्च कर रही है. इसके अलावे क्षेत्र में अनगिनत कार्य किये जा रहे है, जिससे सिर्फ ठेकेदारों को लाभ पहुंच रहा है. लोगों का कहना है कि रजरप्पा के माइनस टाइप, महुआ टोली, ए टाइप सहित कई जगहों के क्वार्टर जर्जर हो गये है.
महुआ टोली के कई क्वार्टर गिरने की स्थिति में
महुआ टोली के कई क्वार्टर गिरने की स्थिति में पहुंच गया है. बावजूद इसके मरम्मत नहीं करायी जा रही है. जबकि कुछ ही माह पूर्व वीआईपी गेस्ट हाउस में मरम्मत कार्य कराया गया था. लेकिन तत्कालीन महाप्रबंधक आलोक का स्थानांतरण होते ही यहां पर अतिथि गृह को सुंदरीकरण किया जा रहा है. कुछ लोगों के अनुसार, अतिथि गृह में 22 नये एसी (एयर कंडीशनर) लगाये गये है. वहीं, गेस्ट हाउस के चहारदीवारी के अंदर चहारदीवारी किया गया है. कामगारों का कहना है कि इसकी आवश्यकता नहीं थी.
वीआईपी सीधे रजरप्पा मंदिर पहुंच रहे
गौरतलब हो कि पहले यहां राज्य के कई मंत्री, विधायक व अन्य वीआईपी पहुंचते थे. लेकिन अब वीआईपी सीधे रजरप्पा मंदिर पहुंच रहे है. जिससे यहां इसके पीछे इतनी बड़ी राशि खर्च करना सवाल खड़ा कर रहा है. इस संदर्भ में स्टॉफ ऑफिसर सिविल विमल कुमार आजाद ने बताया कि लगभग 27 लाख रुपये की लागत से गेस्ट हाउस के अंदर दो सूट को तैयार एवं पाइपलाइन का काम किया गया है. यह कार्य प्राक्कलन राशि से चार फीसदी बढ़ोतरी के साथ किया गया है. इस कार्य को एमएस नरेंद्र कुमार द्वारा किया गया है.
क्षेत्र में ठेकेदारी का कार्य बड़े पैमाने पर शुरू
इसके अलावे दस लाख 41 हजार रुपये की लागत से गेस्ट हाउस के बाहर चहारदीवारी, पेबर ब्लॉक, टाइल्स, पार्क में एक स्टेज का निर्माण, ग्रील गेट आदि कार्य कराये गये है. इस कार्य को प्राक्कलन राशि से 31 फीसदी घटाकर किया गया है. यह कार्य एमएस उज्जवल आनंद द्वारा कराया गया है. कुल 37 लाख 41 हजार रुपये खर्च करने के अतिरिक्त लाखों रुपये की लागत से बिजली, फर्नीचर का काम कराने एवं 22 एसी लगाने में लाखों रुपये खर्च की गयी है. लोगों का कहना है कि पूर्व जीएम आलोक कुमार के जाते ही क्षेत्र में ठेकेदारी का कार्य बड़े पैमाने पर शुरू हो गये है.