धनबाद मंडल रेल अस्पताल में डॉक्टर के चेंबर में जाने से पहले डीआरएम कमल किशोर सिन्हा की पत्नी की चप्पल खुलवाने और डीआरएम द्वारा कथित रूप से रेलकर्मी को निर्वस्त्र करने का मामला मुख्यालय तक पहुंच चुका है. इधर, डीआरएम पर आरोप लगाने वाले बसंत उपाध्याय की स्थिति में सुधार है. उसका इलाज असर्फी अस्पताल में जारी है. अस्पताल में शुक्रवार को हुई हड़ताल को लेकर रेलवे की टीम जांच में जुटी हुई है. शनिवार को सिंग्नल एंड टेलीकॉम विभाग की टीम और आरपीएफ जांच के लिए पहुंची. सीसीटीवी फुटेज की जांच की गयी. लेकिन सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला. अस्पताल में लगा सीसीटीवी 20 जून से खराब बताया जा रहा है. लेकिन मंडल अस्पताल की ओर से इसकी जानकारी संबंधित विभाग को नहीं दी गयी थी. इस मामले में भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
डीआरएम की पत्नी 22 जून को दंत रोग विभाग में जांच कराने गयी थी. इस दौरान उनके साथ क्या हुआ, इसी बात की जांच करने के लिए टीम सीसीटीवी फुटेज देखने पहुंची थी. सीसीटीवी कैमरा खराब होने की वजह से यह फुटेज नहीं मिला.
डीआरएम पर लगाये गये आरोपों की जांच के लिए सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग की टीम डीआरएम कार्यालय व परिसर में लगाये गये सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेगी. इसकी शुरुआत रेल अस्पताल के सीसीटीवी से की जा रही है.
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घटना की जांच के लिए स्थानीय स्तर पर कमेटी बनी है. एडीआरएम आशीष झा मामले की जांच कर रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. मामले की जांच पूरी होने के बाद ही कुछ किया जायेगा. जन संपर्क पदाधिकारी की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि रेलवे प्रशासन के संज्ञान में आया है कि रेलकर्मी बसंत उपाध्याय ने अखबार व टीवी चैनलों में घटना का विवरण दिया है. उसका सत्यापन किया जा रहा है. चिकित्सा व रेलवे प्रशासन द्वारा विवरण एकत्र किया जा रहा है. कर्मचारी भारतीय रेलवे और भारतीय रेलवे बिरादरी का एक सम्मानित सदस्य है. कर्मचारियों का सम्मान उनके लिए महत्वपूर्ण है. रेल प्रशासन ने रेलकर्मियों और जनता से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सहयोग करने का अनुरोध किया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को ट्वीट कर मंडल रेल अस्पताल के कर्मचारी बसंत के साथ हुई घटना की निंदा की है. उन्होंने लिखा है कि बहुत ही निंदनीय और भर्त्सना योग्य कृत्य. अधिकारियों की यह ज्यादती समाज में नौकरशाही के प्रति बहुत विघटन, अविश्वास और क्षोभ पैदा करेगी. ये मामले राजनीतिक नहीं होते हैं, यह सीधा अहंकार और स्वयं को शक्तिमान मानने का मामला है. विश्वास है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी.