Gorakhpur News: दिवाली हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है, लेकिन कुछ लोगों की दिवाली तभी खुशियों वाली होती है, जब वह दिनभर की मेहनत के बाद दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर लेते हैं. कुछ ऐसी कहानी है गोरखपुर के दीवान बाजार की नई कॉलोनी की रहने वाली सुमन की.
सुमन इन दिनों बच्चों के साथ दिये और बाती बेचने का काम कर रही हैं. सुमन दीवान बाजार के नई कॉलोनी में देवदत्त नाम के व्यक्ति के मकान में रहती हैं. सुमन ने बताया कि 1 माह पहले उनके पति की मृत्यु हो गई है. जिसके बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. अब ऐसे में अपना और बच्चों का पेट पालने के लिए सुमन दिन रात मेहनत कर रही हैं.
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सुमन ने टाउन हॉल चौराहे पर स्थित पेट्रोल पंप के पास अपनी दुकान लगाई है. इस दुकान में सुमन के साथ उनके छह और बच्चे भी उनकी मदद करते हैं. सुमन के कुल 6 बच्चे हैं. जिनमें की 4 बेटियां, और दो बेटे हैं. सुमन ने बताया कि, उनके तीन बच्चे विकलांग हैं. मूल रूप से वह नौतनवा की रहने वाली हैं. लेकिन वर्तमान समय में गोरखपुर में ही रह रही हैं.
सुमन के अनुसार, अब तक कोई भी सरकारी मदद उन तक नहीं पहुंची है. जिस बात का गम सुमन के चेहरे पर साफ झलकता है. सुमन ने बताया कि पेट के खातिर खुद ही बच्चों को लेकर के वह दीया बाती बेचकर लोगों के साथ-साथ अपनी दिवाली भी रोशन करने में जुट गई हैं.
जब सुमन की बेटी लक्ष्मी से बात कि तो उसने बताया कि वह लक्ष्मी आर्य कन्या विद्यालय में पढ़ती है, और कक्षा पांचवी की छात्रा है. लक्ष्मी शारीरिक रूप से दिव्यांग है. लक्ष्मी के साथ उसकी और बहने भी टाउन हॉल चौराहे के आसपास दिया बेचते हुए दिख जाएगी.
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हालांकि, स्थानीय लोग जब यहां पर दीया बाती खरीदने आ रहे हैं, तो यह बच्चे और उनका परिवार लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा है. अच्छी बात ये है कि लोग इनसे दिया और बाती खरीदने को महत्व दे रहे हैं.
रिपोर्ट- अभिषेक पांडेय