गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एकला बांध पर कूड़े के निस्तारण के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ( एनजीटी) के आदेश पर कूड़ा निस्तारण की रेट अंदर जारी कर दिया गया है. विश्वकला बांध पर पलकों से सीमेंट बनाया जाएगा. फर्म बांध पर ही कूड़ा अलग करने का कार्य करेगी. जिससे रिफयुज्ड डेराइब्ड फ्यूल (आरडीएफ) बनाने के उपयोग आने वाला कूड़ा अलग करके यही से कंपनियों में भेजा जाएगा. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि एकला बांध पर पड़े कूड़े का निस्तारण हमारी प्राथमिकता है. टेंडर की प्रक्रिया पूरा हो जाने के बाद एकला बांध पर पड़े कूड़े को 3 से 4 महीने में निस्तारण करने का हमारा लक्ष्य है.
सुथनी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम भी तेजी से पूरा हो रहा है. बता दें कि दिल्ली की फर्मों ने एकला बांध पर कूड़ा निस्तारण के लिए रुचि दिखाई है. दोनों ने नगर निगम के अफसरों से संपर्क भी किया है. फर्म एकला बांध पर ही बड़ी-बड़ी जालियां लगाकर कूड़ा अलग करने का कार्य करेगी. जिसमें से लकड़ी, कपड़ा और पोलिथिन सहित आदि कई वस्तुओं को सीमेंट फैक्ट्रीयों में भेजा जाएगा. गिट्टी, लोहा, शीशा को अलग कर इसका इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा बची मिट्टियों को जरूरत के अनुसार नगर निगम की जमीन पर भराव के कार्य में इस्तेमाल किया जाएगा.
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गोरखपुर के एकला बांध पर ज्यादा कूड़ा होने और वहां आवागमन की व्यवस्था बढ़िया होने के कारण रेट कम होगा. कुछ वर्ष पहले इक्कठे कूड़े के निस्तारण करने के लिए प्रतिदिन करीब 1500 रुपए नगर निगम लेती थी. अब 300 से 400 रुपए प्रति टन की दर पर कूड़े का निस्तारण होता है. गोरखपुर महानगर से रोजाना 350 टन कूड़ा निकलता है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट न होने के कारण नगर निगम एकला बंधे पर कूड़े को गिराता है. जिसको लेकर नागरिकों ने काफी विरोध भी किया था. एनजीटी ने कूड़ा इक्कठा करने पर नगर निगम पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था. फिलहाल एक एकला बांध पर पड़े कूड़े की वजन की जानकारी के लिए नगर निगम ने निजी एजेंसी और RCUES से जांच कराई थी. निजी एजेंसियों ने एकला बांध पर 33000 टन कूड़ा होने की जानकारी दीजिए.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर