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लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ पर केंद्र और बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आमने-सामने

center and west bengal government face to face on gradual relaxation in lockdown नयी दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ पर केंद्र और राज्य की ममता बनर्जी सरकार आमने-सामने आ गयी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस छूट पर आपत्ति जतायी है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयीं तथा पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी. इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश किसी ‘सांप्रदायिक वायरस’ से नहीं, एक रोग से लड़ रहा है.

नयी दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में ‘क्रमिक छूट’ पर केंद्र और राज्य की ममता बनर्जी सरकार आमने-सामने आ गयी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस छूट पर आपत्ति जतायी है और कहा कि राज्य में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गयीं तथा पुलिस ने धार्मिक कार्यक्रमों की भी इजाजत दी. इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश किसी ‘सांप्रदायिक वायरस’ से नहीं, एक रोग से लड़ रहा है.

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पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है. इस पत्र में कहा गया है, ‘सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गयी है. राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है.’

इस पत्र के अनुसार, गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता में राजबाजार, नारकेलडांगा, तपसिया, मटियाबुर्ज, गार्डेनरीच, इकबालपुर और मानिकतल्ला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बनाकर रखने के नियमों को धता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

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इनमें से ज्यादातर स्थान मुस्लिम बहुल हैं और राज्य भाजपा ने कई बार आरोप लगाया है कि इन इलाकों में लॉकडाउन का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेलडांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आये हैं.

पत्र में कहा गया है, ‘यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत देती रही है. मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे हैं. हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो.’

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गृह मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के विरुद्ध हैं और ये इस कानून के तहत कार्रवाई किये जाने लायक हैं. इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की दिलचस्पी कुछ विशेष इलाकों में ‘अतिरिक्त सतर्कता’ रखने में है.

उन्होंने राज्य सचिवालय में पत्रकारों से कहा, ‘हम किसी सांप्रदायिक वायरस से नहीं लड़ रहे, बल्कि एक ऐसे रोग का सामना कर रहे हैं, जो मानव के संपर्क से फैलता है. जब भी कोई दिक्कत आयेगी, तो वहां लॉकडाउन को लागू करने के कदम उठाये जायेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दुकानें बंद रहें. हम नजर रख रहे हैं.’

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गृह मंत्रालय ने पत्र में कहा है, ‘ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाये और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाये. यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये जायें.’

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