धनबाद के IIT-ISM में स्थापित होगा एक्सीलेंस सेंटर, अदाणी इंटरप्राइजेज का मिला सहयोग
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खनन बिजनेस- नेचुरल रिसोर्सेज डिवीजन ने आईआईटी-आईएसएम के साथ एमओयू किया है. अदाणी एंटरप्राइजेज के सहयोग से स्थापित सेंटर का नाम थ्री-एस माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर होगा.
धनबाद आईआईटी-आईएसएम का टेक्नॉलॉजी इनोवेशन इन एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग फाउंडेशन (टेक्समिन) अदाणी इंटरप्राइजेज के सहयोग से परिसर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थापित करेगा. इस सेंटर की स्थापना को लेकर शनिवार को अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खनन बिजनेस- नेचुरल रिसोर्सेज डिवीजन ने आईआईटी-आईएसएम के साथ एमओयू किया है. अदाणी एंटरप्राइजेज के सहयोग से स्थापित सेंटर का नाम “थ्री-एस माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर” होगा. इस एक्सीलेंस सेंटर के माध्यम से युवाओं में स्टार्टअप-इकोसिस्टम, क्षमता निर्माण और कैडर के विकास किया जाएगा.
नई माइनिंग तकनीक के विकास पर सेंटर करेगा काम
इसके माध्यम से खनन में सुधार और उन्नत खनन तकनीकों को विकसित किया जा सकेगा, जिससे कि सुरक्षा के साथ उत्पादन को बढ़ाया जा सके. मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन करने के अवसर पर उपस्थित आइआइटी के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने कहा कि वर्तमान समय में पूरे खनन उद्योग का डिजिटलीकरण हो रहा है. इस बदलाव का प्रभाव खदान से उद्योग और वहां से लेकर बंदरगाहों तक कच्चे और तैयार माल की लोडिंग और अनलोडिंग कड़ियों को समझने की जरूरत है. इससे ही खनन उद्योग की सस्टेनेबिलिटी, ट्रेसबलिटी और सेफ्टी को तय किया जा सकता है. यह सेंटर शिक्षाविदों और उद्योग के बीच की खाई को पाटने का काम करेगा.
आईआईटी-आईएसएम के उप निदेशक और टैक्समिन के सीइओ प्रो धीरज कुमार ने कहा कि यह खनन उद्योग और शिक्षा संस्थान के लिए एक मंच की तरह कार्य करेगा. अदाणी इंटरप्राइजेज के निदेशक और नेचुरल रिसोर्सेज के सीइओ विनय प्रकाश ने कहा कि भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए शिक्षण संस्थान और उद्योग को एक मंच पर आना आवश्यक है. इससे डिजिटल परिवर्तन पर रिस्किलिंग और अपस्किलिंग कार्यक्रम के साथ भविष्य के लिए अच्छे कार्यबल का निर्माण होगा.
Also Read: धनबाद IIT-ISM ने कैंपस प्लेसमेंट के लिए 500 से अधिक कंपनियों को बुलाया, इस महीने से होगा शुरू