ऐतिहासिक स्थल डोंबारी बुरु है प्रेरणा का केंद्र, भगवान बिरसा मुंडा समेत अन्य शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि

jharkhand news: ऐतिहासिक स्थल है खूंटी का डोंबारी बुरु. अंग्रेजों से लोहा लेते हुए काफी संख्या में शहीद हुए लोगों को हर साल 9 जनवरी को यहां श्रद्धांजलि दी जाती है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2022 8:08 PM

Jharkhand news: खूंटी जिला अंतर्गत डोंबारी बुरु का ऐतिहासिक स्थल भगवान बिरसा मुंडा की रणभूमि, कर्मभूमि और वीरभूमि है. यहां हर साल 9 जनवरी को शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है. अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ भगवान बिरसा मुंडा ने यहां से उलगुलान का ऐलान किया था. भारी संख्या में यहां लोगों ने अपनी आहूति दी है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंंडा ने भगवान बिरसा मुंडा समेत अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि दिये.

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि डोंबारी बुरु आस्था का केंद्र है. भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन के अवसर पर भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है. इस फैसले ने देश के जनजातियों का गौरव बढ़ाया है. डोंबारी बुरु को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना रही है, लेकिन गति बहुत तेज नहीं है.

उन्होंने कहा कि डोंबारी बुरू को पर्यटन नहीं प्रेरणा के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. यह एक प्रेरणा का केंद्र है. इससे भविष्य में प्रेरणा लें कि पूरे देश के आदिवासी विकास पथ पर आगे चलें. कहा कि डोंबारी बुरु में शहीद हुए लोगों की पहचान के लिए शोधकर्ताओं को लगाया गया है. शोधकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि शोध कर सही ढंग से प्रस्तुत करें. इस दौरान तोरपा विधायक कोचे मुंडा, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर गुप्ता, जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार, जगन्नाथ मुंडा, संजय साहू सहित अन्य उपस्थित थे.

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बिशु मुंडा को मानदेय दिलाने की रखी मांग

जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के समक्ष डोंबारी बुरु के केयरटेकर बिशु मुंडा को मानदेय नहीं मिलने की समस्या रखा. उन्होंने कहा कि डोंबारी बुरु की देखरेख के लिए उन्हें नौकरी पर रखा गया था, लेकिन 1996 के बाद से मानदेय बंद हो गया है.

ऐतिहासिक स्थल है डोंबारी बुरु : नीलकंठ सिंह मुंडा

वहीं, खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि डोंबारी बुरु में सैकड़ों आदिवासियों ने अपनी आहूति दी थी. सभा कर रहे भगवान बिरसा मुंडा और उसके अनुयायियों पर अंग्रेजों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दिया था. जिसमें 400 से अधिक लोग शहीद हुए थे. उन्हीं की याद में हर साल 9 जनवरी को डोंबारी बुरू में शहादत दिवस मनाया जाता है.

उन्होंने कहा कि डोंबारी बुरु के शहीदों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए. कहा कि डोंबारी बुरु को विकसित किया जा रहा है. इससे पहले उन्होंने डोंबारी बुरु के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया और भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा में माल्यार्पण किया. मौके पर विधायक प्रतिनिधि काशीनाथ महतो, कैलाश महतो, विनोद नाग, रुपेश जायसवाल, राजेश महतो सहित अन्य उपस्थित थे.

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अबुआः दिशुम-अबुआः राइज के सपने को पूरा करने का संकल्प

डोंबारी बुरु में कई लोग शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. मुंडारी खूंटकट्टी एवं भुइंहरि परिषद, कोईल कारो जन संगठन तथा प्रखंड स्तरीय ग्राम सभा समिति ने संयुक्त रूप से डोंबारी बुरू में श्रद्धांजलि अर्पित किया. सभी ने बिरसा मुंडा के अबुआः दिषुम-अबुआः राइज के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया. इस दौरान झारखंड आंदोलनकारी अलेस्टेयर बोदरा, विजय गुड़िया, मसीह दास गुड़िया, जीवन हेमरोम, बरनाबस सोय, दाउद मुंडू, अर्जुन मुंडा, गाब्रियल मुंडू, अबिसालोम सोय, रोशन मुंडू सहित अन्य उपस्थित थे.

आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने किया मार्ल्यापण

डोंबारी बुरु शहादत दिवस को आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने विद्रोह दिवस के रूप में मनाया. इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा में माल्यार्पण किया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया. मौके पर देवकीनंदन बेदिया, गुरूवा मुंडा, लखमनी मुंडा, सोहराय किष्कु, सुदामा खलखो, सिनगी खलखो, संतोष मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.

आदिवासी छात्र संघ ने किया माल्यार्पण

आदिवासी छात्र संघ ने डोंबारी बुरु में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया और भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा में माल्यार्पण किया. इस अवसर पर संघ के जिलाध्यक्ष दुबराज सिंह मुंडा ने कहा कि हमें शहीदों के कुर्बानी को नहीं भूलनी चाहिये. उनके शहादत से हमें आजादी मिली है. मौके पर एडवर्ड हंस, उदय सिंह मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.

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रिपोर्ट : चंदन कुमार, खूंटी.

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