बंगाल पंचायत चुनाव में सुरक्षा बलों की कमी के लिए केंद्र जिम्मेदार, बीएसएफ के आरोप बेबुनियाद : चुनाव आयुक्त
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बल की कमी के लिए चुनाव आयुक्त ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही संवेदनशील बूथों की सूची को लेकर बीएसएफ द्वारा लगाये जा रहे आरोपों का भी खंडन किया.
कोलकाता, शिव कुमार राउत. पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बल की कमी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही संवेदनशील बूथों की सूची को लेकर बीएसएफ द्वारा लगाये जा रहे आरोपों का भी खंडन किया. सिन्हा ने कहा कि केंद्र सुरक्षा बल 10 से कुछ ही अधिक बूथों पर तैनात थे. आयोग ने केंद्रीय बल की 822 कंपनियां भेजने की मांग की थी. पर इतनी फोर्स हमें नहीं मिली. कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र ने राज्य आयोग की मांग के अनुरूप सुरक्षा बल नहीं भेजे.
बीएसएफ ने आरोप को किया खारिज
मंगलवार को कार्यालय में प्रेसवार्ता में राजीव सिन्हा ने कहा कि मतदान के दौरान राज्य के कुछ जिलों में छिटपुट अशांति हुई, लेकिन आयोग ने हर मामले में सख्त कार्रवाई की. उधर, शनिवार को बीएसएफ ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने उसे संवेदनशील बूथों की सूची नहीं दी थी. इस आरोप को खारिज करते हुए राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमने बीएसएफ को जिलावार संवेदनशील बूथों की संख्या बता दी थी. हमने यह भी कहा था कि डीएम और एसपी से बात कर हर बूथ पर सुरक्षा बल के जवान तैनात किये जायेंगे. यदि बीएसएफ को संवेदनशील बूथों की सूची मिली ही नहीं, तो उन्होंने बूथों पर जवानों को कैसे तैनात किया?
अशांति की रिपोर्ट के आधार पर की गयी कार्रवाई : चुनाव आयुक्त
राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा सिन्हा ने कहा कि आयोग पर राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है. उसी के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं की गयी थीं. मतदान के दिन आयोग के पास आयी अशांति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गयी है. विभिन्न शिकायतों, सीसीटीवी फुटेज आदि की जांच के बाद 696 बूथों पर पुनर्मतदान कराने का निर्णय लिया गया. पुनर्मतदान भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ.
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